जबलपुर। परिवाहन विभाग में इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर पद पर नॉन टेक्निकल योग्यता वाले व्यक्तियों को नियुक्ति किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमों में संशोधन कर प्रस्ताव विधि विभाग को भेजा था. विधि विभाग ने प्रस्ताव के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग से स्पष्टीकरण मांगा है. युगलपीठ ने सरकार को एक सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.
नियमों में संशोधन पर आपत्ति : आधारताल निवासी ज्ञान प्रकाश की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था परिवाहन विभाग में निरीक्षक और उप निरीक्षक के नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग या मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा तथा एक वर्ष का कार्य अनुभव आवश्यक है. ये दोनों पद तकनीकी पद में आते हैं. मध्यप्रदेश सरकार ने 2014 को नियमों को संशोधित कर निरीक्षक तथा उप निरीक्षक पद के लिए शैक्षिक योग्यता स्नातक लागू कर दी है. पूर्व में नियम के अनुसार दुर्घटना होने पर परिवाहन विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए जाने की मांग याचिका दायर कर की गयी थी.
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निरीक्षण व फिटनेट टेस्ट तकनीकी कार्य : इसकी सुनवाई के दौरान बताया गया था निरीक्षण के लिए अधिकारियों को नियुक्त कर दिया गया है. इसके अलावा वाहन के फिटनेट टेस्ट सार्टिफिकेट परिवाहन विभाग द्वारा किये जाते हैं. निरीक्षण व फिटनेट टेस्ट तकनीकी कार्य है. जिसे परिवाहन निरीक्षक तथा उप निरीक्षक करते हैं. नॉन टेक्निकल व्यक्ति ऐसे कार्य नहीं कर सकते. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने सरकार से संशोधित नियम पर स्पष्टीकरण मांगा था. याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने युगलपीठ को बताया कि साल 2021 में मध्य प्रदेश हुई सड़क दुर्घटनाओं में 12057 व्यक्तियों की मौत हुई है. सरकार की तरफ से उक्त जानकारी पेश की गयी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष कुद रखा.