जबलपुर। इस बार चुनाव आयोग ने बुजुर्गों और विकलांगों के लिए एक विशेष व्यवस्था रखी है. जिसके तहत उन्हें अपने घर से ही वोट देने की सुविधा दी जा रही है. कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि अब तक लगभग 37 हजार फॉर्म बांटे गए हैं जिनमें लगभग 17 हजार दिव्यांग है और 20 हजार के लगभग बुजुर्ग हैं. जो घर से ही वोट करेंगे. फिलहाल प्रशासन की ओर से फॉर्म बांटे गए हैं. अब यह फॉर्म वापस आएंगे. उसके बाद इन फार्मों की स्क्रूटनी की जाएगी और इसमें जो बुजुर्ग मतदान केंद्र पर वोट देने आ सकेंगे, उन्हें मतदान केंद्र पर ही बुलाया जाएगा. हालांकि 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों के लिए मतदान केद्रों पर विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि बुजुर्गों को ज्यादा समय न बिताना पड़े.
इतने वोट डालना चुनौती : वहीं, दूसरी ओर यदि बुजुर्ग मतदान केंद्र पर वोट करने नहीं आ सकते हैं तो उनके लिए उनके घर तक मतदान केंद्र जाएगा. इसके लिए एक विशेष व्यवस्था की जाएगी और प्रशासन अभी इस माथापच्ची में लगा हुआ है कि बुजुर्गों के घरों तक मतदान केंद्र को कैसे ले जाया जाए क्योंकि इसमें कई व्यावहारिक समस्याएं हैं. मतदान के दौरान चुनाव आयोग के अधिकारी कर्मचारियों के अलावा उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंट भी मौजूद रहते हैं तो क्या पूरे पोलिंग एजेंट घर-घर जाएंगे और बिना पोलिंग एजेंट के वोट डलवाना नियम के विरुद्ध है. हालांकि अभी तक जो फॉर्म बांटे गए हैं उनमें से मांग करने वाले पत्र वापस नहीं आए हैं. इसलिए यह संख्या अभी बहुत अधिक घट सकती है.
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फर्स्ट टाइम वोटर : वहीं, दूसरी ओर फर्स्ट टाइम वोटर को रिझाने के लिए जबलपुर जिला प्रशासन रंगारंग कार्यक्रम करवा रहा है. जिला प्रशासन की ओर से जबलपुर की कल्चरल स्ट्रीट पर एक गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया. इसमें देवी की आराधना के साथ गरबा करने आए युवाओं को वोट डालने का महत्व समझाया गया. पहली बार वोट करने वाले उत्साही युवाओं ने बताया कि वे सरकार बनाने में अपनी भूमिका जरूर निभाएंगे. वहीं इस बार जबलपुर जिला प्रशासन ने परंपरागत रूप से एमएलबी स्कूल में बनने वाले स्ट्रांग रूम और मतगणना स्थल का स्थान बदल दिया है. इस बार जबलपुर में मतगणना जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में होगी वहीं दूसरी तरफ चुनाव ड्यूटी से कन्नी काटने वाले अधिकारी कर्मचारी भी प्रशासन की निगाह में आ गए हैं.