जबलपुर। डीजल-पेट्रोल के दामों में मूल्यवृद्धि का असर राजमर्रा की जरुरत की चीजों पर भी पड़ रहा है. वहीं ग्वालियर में दूध के दाम बढ़ने के बाद अब जबलपुर में भी दूध के दाम बढ़ गए है. बढ़ती मंहगाई का हवाला देकर डेयरी संचालकों ने दूध के दामों में चार रूपए दाम की वृद्धि की हैं. अभी तक जबलपुर में दूध के दाम 56 रूपए प्रति लीटर थे लेकिन अब 4 रुपये प्रति लीटर दाम बढ़ने के बाद अब 60 रूपए प्रति लीटर दूध बिकना शुरू हो गया है. सेहत को दुरूस्त रखने की चाहत रखने वालों को अब दूध के लिए शायद और अधिक पैसे खर्च करना पड़ेंगे.
चार रुपये बढ़ाए गए दूध के दाम
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के बाद डेयरी संचालकों की सभी आवश्यक वस्तुएं भी मंहगी हो गई हैं. जिससे उन्हें अधिक कीमत देकर खली-चुनी, दवाईयां खरीदना पड़ रही हैं. वहीं डेयरी से जुड़े वाहनों पर भी अधिक खर्च करना पड़ रहा है, इसलिए दाम बढ़ाया गया है. ग्वालियर में दुग्ध डेयरी व्यवसायी संघ संपूर्ण भारत रजिस्टर्ड ने 11 मार्च से दूध के दामों में 2 रूपए बढ़ोत्तरी का निर्णय लिया था. जिसके बाद जबलपुर में भी दूध के दाम बढ़ने पर डेयरी व्यवसायी विचार विमर्श कर रहा था, जिस पर शुक्रवार से अमल शुरू हो गया हैं. हर साल मार्च में ही दूध के दाम बढ़ाए जाते हैं और इस साल भी मार्च के महीने में दाम बढ़ाए गए हैं.
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आवश्यक वस्तु अधिनियम
वर्ष 2007 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें दूध को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में लिए जाने की बात रखी गई थी. जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को इसके दायरे में लेने का निर्देश जारी किया था. उसके बावजूद दूध को 13 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस दायरे में नहीं लिया गया है. ऐसे में यदि सरकार ऐसे आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में लेती है, तो डेरी माफियाओं द्वारा प्रतिवर्ष दूध के दाम में वृद्धि के नाम पर आम जनता पर जो दबाव बनाया जा रहा है, उसे राहत काफी हद तक मिल सकती है.