जबलपुर। हाईकोर्ट की युगलपीठ ने आयुष्मान योजना के संबंध में सुनवाई करते हुए कहा है, कि कोरोना की रोकधाम सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, इसके लिए लोगों को जागरूक होना चाहिए.
युगलपीठ ने साझा किए व्यक्तिगत अनुभव
युगलपीठ ने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए कहा कि पिछले दिनों अधिकारिक तौर पर गये टूर के दौरान उन्होंने देखा था कि लोग मास्क तक नहीं पहन रहे हैं. वहीं युगलपीठ ने आयुष्मान योजना के संबंध में पेश की गयी रिपोर्ट की प्रति संबंधित पक्षकारों को देने के निर्देश जारी करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 7 दिसंबर को निर्धारित की है.
किस माले पर हो रही थी सुनवाई
बता दें शाजापुर जिला स्थित एक निजी अस्पताल के प्रबंधन के बिल की राशि का भुगतान नहीं होने पर वृद्ध मरीज को बेड से बांधकर रखा हुआ था. इस संबंध में अखबारों में फोटो सहित समाचार प्रकाशित हुए थे. इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल ने 11 जून को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को पत्र लिखा था, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय को भेजे गये पत्र में उक्त घटना को मानव अधिकारों का उल्लंघन बताया गया था.
रेट लिस्ट लगाने के दिए थे निर्देश
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भेजे गय पत्र की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने मेडिकल सुविधा के लिए गाइडलाइन के संबंध में केन्द्र व राज्य सरकार से सुझाव मांगे थे. वहीं कोर्ट ने पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोरोना मरीजों से लंबे बिल वसूले जाने का मुददा उठाया गया था. युगलपीठ ने प्रदेश सरकार को निर्देशित किया था कि इंदौर फार्मूला के अनुसार कोरोना मरीजों के उपचार संबंधित रेट लिस्ट अस्पतालों में चस्पा की जाये और उसे ना मानने पर कार्रवाई की जाए.