जबलपुर। कोरोना के भीषण संकट से जूझ रहे मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि चार सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर प्रदेश भर के हजारों जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे चुके हैं. इस सिलसिले में आज जूनियर डॉक्टर्स ने प्रदेश भर के तमाम मेडिकल कॉलेजों के समक्ष सांकेतिक प्रदर्शन किया और ऐलान किया कि अगर आज रात तक प्रदेश सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो कल से सभी समानांतर ओपीडी चलाएंगे.
डॉक्टरों की प्रमुख मांगें
- 2018 से 6% के मद से आज तक कुल 18% बढ़ोतरी की मांग.
- पिछले साल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉक्टरों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी.
- जूनियर डॉक्टर्स पर ग्रामीण सेवाओं की अनिवार्यता को खत्म करने की मांग.
- प्रदेश के तमाम मेडिकल कॉलेजों में कोरोना के गंभीर मरीजों को ही दाखिला देने और अतिरिक्त चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की गई है.
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इस सिलसिले में आज जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के तमाम रेजीडेंट डॉक्टरों ने डीन कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. डॉक्टरों ने ऐलान किया है कि अगर आज रात तक प्रदेश सरकार ने उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया तो कल से सभी हड़ताल पर जाने मजबूर होंगे. मरीजों की परेशानी को देखते हुए बेस समानांतर ओपीडी जरूर चलाएंगे. जल्द ही इमरजेंसी सेवाओं समेत अन्य सेवाओं को बाधित करने पर मजबूर होंगे. वही सचिव स्वास्थ्य विभाग जे एन कंसोटिया का कहना है कि कोविड 19 को देखते हुए काम करना चाहिए.