जबलुपर। महुआ के पेड़ से पानी की धार क्या फूटने लगी ग्रामीणों का हुजूम ही लग गया, कोई नारियल फोड़ने लगा तो कोई अगरबत्ती जलाकर पूजन अर्चन में जुट गया. आस्था और भक्ति का यह नजारा जबलपुर से 50 किलोमीटर दूर चरगवां के जमुनिया गांव में नजर आया. दरअसल गांव में लगे विशाल महुआ के पेड़ की टहनी से जलधार निकलते जब लोगों की नजर पड़ी तो वे पूजन अर्चन में जुट गए. देखते ही देखते खासी भीड़ जमा हो गई. ग्रामीणों ने इसे भगवान का चमत्कार मानते हुए पूजन अर्चन शुरू कर दिया, कुछ लोग तो ऐसे भी थे जो पेड़ से निकलने वाले पानी को बोतल में भरते नजर आए तो कोई पानी को प्रसाद मानकर चखने भी लगा.
लोगों में जागी आस्था: महुआ के पेड़ से लगातार निकल रहे पानी को लोग गंगा मैया से लेकर नर्मदा मैया का नाम भी दे रहे हैं. आस्था में डूबे लोग काफी देर तक पेड़ के इर्द-गिर्द ही मंडराते रहे और पूजन अर्चन का दौर भी काफी देर तक चलता रहा. महुआ के पेड़ से निकलने वाली पानी की धार पर नजर सबसे पहले ग्रामीण महिलाओं की पड़ी. यह महिलाएं महुआ बीनने अलग-अलग गांव में पहुंची थी तभी महुआ के पेड़ से फूटने वाली पानी की धार पर नजर पड़ते ही पूरा क्षेत्र धर्म मय हो गया और देखते ही देखते लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई.
रहस्य से उठा पर्दा: लेकिन इसी बीच गांव का एक शख्स ने पेड़ से निकलते पानी के रहस्य की तह तक जाने के लिए पेड़ पर चढ़ा तो देखा की पेड़ के एक हिस्से में बरसाती पानी ठहरा हुआ है और वही पानी धार के साथ लगातार फव्वारे के रूप में फूट रहा है. पेड़ में बरसाती पानी के जमा होने का खुलासा होते ही चंद पलों में ही लोगों के अंधविश्वास का भंडाफोड़ हुआ और लोग अपने अपने घरों की ओर लौट गए. कुछ दिन पहले ही जबलपुर से लगे कटंगी के झगरा गांव में भी पेड़ से निकलते हुए पानी के बाद लोगों की आस्था जागी और वे भी पूजा पाठ करने लगे थे लोग इसे भगवान का चमत्कार मानते हुए पूजन में जुटे रहे. ग्रामीणों का मानना था कि पिछले कई सालों से झगड़ा गांव के इसी पेड़ के पास विसर्जन होता था लिहाजा यह चमत्कारी पेड़ है और इससे अमृत रूपी पानी निकल रहा है.