जबलपुर। 16 जून को जबलपुर में दोपहर करीब 1 बजे भाजपा युवा मोर्चा नेता प्रियांश विश्वकर्मा के दफ्तर में हुए गोलीकांड के मामले ने तूल पकड़ा लिया है. देविका ठाकुर नाम की युवती को भाजपा नेता के पिस्टल से निकली गोली ने घायल कर दिया था. जिसका इलाज फिलहाल निजी अस्पताल में गंभीर हालत में जारी है लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के 26 घंटे बाद धारा 308, एवं 25, 26 आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि परिजनों के द्वारा एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल किया है. जिसमें युवती प्रियांश विश्वकर्मा के द्वारा गोली मारने की बात स्वीकार कर रही है लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या जबलपुर पुलिस द्वारा बीजेपी नेता को संरक्षण दिया जा रहा है और उसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है.
ये है पूरा मामला: गौरतलब है कि कल 16 जून को करीब 1 बजे भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा ने अपने दोस्त देविका ठाकुर को मिलने के लिए अपने धनवंतरी नगर के मंडफैया स्थित ऑफिस में बुलाया था. इसी बीच बातचीत के दौरान प्रियांश विश्वकर्मा की पिस्टल से निकली गोली देविका ठाकुर के सीने में जा लगी. गोली लगते ही प्रियांश ने देविका की मौसी को फोन कर बताया कि देविका की तबीयत खराब है और आप जल्द से जल्द ऑफिस आ जाइए. सूचना पर पहुंची मौसी ने देखा कि देविका मूर्छित हालत में नीचे पड़ी हुई थी.
अस्पताल भी जांच के घेरे में: प्रियांश देविका अपनी कार में डालकर भाजपा नेता डॉ. अमित खरे की स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल लेकर गया, पर पुलिस को बिना सूचना दिए देविका का 6 घंटे तक भाजपा नेता की अस्पताल में इलाज किया गया और इस बात कि किसी को जानकारी ना लगे जिसके लिए ऊपर ऑपरेशन थिएटर में आने जाने की सबको पाबंदी लगा दी गई. लेकिन शरीर से गोली निकालने के लिए किसी विशेषज्ञ के ना होने पर वह उसे एक दूसरे निजी अस्पताल ले गया और भर्ती कराकर वहां से ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरों डीवीआर और पिस्टल लेकर फरार हो गया. जिसके बाद से पुलिस सिर्फ आरोपी को पकड़ने की बात कह रही है लेकिन घटना के 50 घंटे बीत जाने के बावजूद भी आरोपी प्रियांश विश्वकर्मा पुलिस के हाथों अब तक नहीं लगा या फिर राजनीतिक संरक्षण के चलते पुलिस प्रयास को बचा रही है.
परिजनों पर दबाव बना रहा आरोपी: घटना के 8 घंटे बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब घटनास्थल का निरीक्षण किया और दफ्तर को सील कर दिया लेकिन भाजपा के नेता के गुर्गों द्वारा ऑफिस के ताले तोड़ दिए गए और एफएसएल की टीम के पहुंचने से पहले ही मौके से सारे सबूत मिटा दिए गए. घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही थी. पुलिस थाने परिजनों द्वारा घंटो चले हंगामे के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी संजीव नगर पुलिस थाने पहुंचे और भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा के खिलाफ धारा 308 गैर इरादतन एवं 25, 26 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. आरोप है कि भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा के द्वारा लगातार वेदिका के परिजनों पर दबाव बनाया जा रहा है. पुलिस द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक फिलहाल अभी भी भाजपा नेता की तलाश है.