जबलपुर। बीते कई माह से अपने बेटा-बहू से परेशान बुजुर्गों का एसडीएम आशीष पांडे ने महज चन्द घंटो में निपटारा कर दिया है, आज न सिर्फ कई माह से परेशान बुजुर्ग अपने घर पहुंच गए हैं, बल्कि उनके परिवार में भी वापस खुशहाली आ गई है, महज 15 दिन पहले पदभार संभालने वाले एसडीएम आशीष पांडे अब सिर्फ ऐसे केसों में नजर बनाए हुए हैं, जहां बुजुर्ग परेशान हैं.
बेटा-बहू से परेशान बुजुर्ग को दिलाया न्याय
महज चंद घंटों के भीतर तीन पीड़ित बुजुर्गों को उनके परिवार से मिलाकर समझौता करवाने वाले एसडीएम आशीष पांडे ने ईटीवी भारत को बताया कि माता-पिता के भरण पोषण का अधिनियम कोई राजस्व का अधिनियम नहीं है, बल्कि यह भवनाओं का अधिनियम है, ऐसे में पीड़ित बुजुर्गों का एक-एक मिनट कटना बहुत ही मुश्किल होता है, इसलिए कोशिश की जाती है कि जल्द से जल्द इनका निपटारा किया जाए.
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चंद मिनटों में किया केस का निपटारा
आमतौर पर भरण पोषण के मामले लंबित हो जाते है,अधिकारी कभी पीड़ितों को आश्वासन देते हैं, तो कभी उन्हें सुनवाई की तारीख देते हैं, पर एसडीएम आशीष पांडे ने ऐसा न करते हुए फैसला ऑन द स्पॉट किया और पीड़ित और उनके परिजनों को एसडीएम कोर्ट में ही बुलाकर निराकरण किया.