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बावड़ी बनी राजनीति का अड्डा, जबलपुर में फिर कमल खिलाने कीचड़ में उतरे सांसद राकेश सिंह - सांसद राकेश सिंह ने की दो बावड़ियों की सफाई

जबलपुर सांसद राकेश सिंह गुरुवार को फावड़ा-तसला लेकर जबलपुर की सर्वोदय बस्ती में गंदी बावड़ी की सफाई करते हुए नजर आए.

jabalpur sansad rakesh singh do shramdaan
जबलपुर सांसद राकेश सिंह किए श्रमदान
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Published : Jun 1, 2023, 5:17 PM IST

सांसद राकेश सिंह ने की दो बावड़ियों की सफाई

जबलपुर। सांसद राकेश सिंह अपने पूरे दल बल के साथ जबलपुर पहुंचे. यहां एक बेहद पिछड़े इलाके सर्वोदय बस्ती के अंदर एक पुरानी बावड़ी की सफाई करने के लिए बीजेपी सांसद राकेश सिंह पहुंचे. इस दौरान जबलपुर कैंट विधायक अशोक रोहाणी, पनागर विधायक सुशील तिवारी और कुंडम विधायक नंदनी मरावी के साथ भारतीय जनता पार्टी के नगर निगम के कई पार्षद श्रमदान करते हुए नजर आए.

प्रधानमंत्री की अपील पर जल स्रोतों की सफाई: राकेश सिंह का कहना है कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की है कि पुराने जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया जाए. इसी वजह से हम सब जबलपुर की 2 बावड़ियों को साफ कर रहे हैं और इनमें आगे भी गंदगी न हो इसका ध्यान रखा जाएगा. इसके साथ ही इन्हें जल मंदिर के रूप में स्थापित किया जाएगा. इसी के चलते भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता गंदगी की परवाह किए बिना बावड़ी की सफाई करते हुए नजर आए.

बावड़ी के जरिए राजनीति: यह बावड़ी जबलपुर की सर्वोदय बस्ती के अंदर है. सर्वोदय बस्ती शहर का सबसे पिछड़ा इलाका है, जहां जबलपुर शहर के सफाई कर्मी रहते हैं. अगर राजनीतिक नजरिए से देखें तो ये जबलपुर की मध्य विधानसभा क्षेत्र का इलाका है, जहां भारतीय जनता पार्टी पिछले चुनाव में हार गई थी. इसी वजह से इस इलाके के कार्यकर्ताओं को एकजुट कर चुनाव के लिए तैयार किया जा रहा है. यह कार्यक्रम भी श्रमदान के साथ-साथ कार्यकर्ताओं में एकजुटता बढ़ाने का प्रयास था.

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राजनीति के चक्कर में बावड़ी साफ हो गई: यह बावड़ी जबलपुर में गोंडवाना काल के दौरान बनाई गई थी. तब यहां रानी दुर्गावती का शासन हुआ करता था, लेकिन आसपास दूसरे जल स्रोतों के आने के बाद बावड़ी की उपयोगिता कम हो गई और धीरे-धीरे इस बावड़ी में गंदगी जमा होने लगी. हालांकि बावड़ी की सफाई स्थानीय कांग्रेस पार्षद पहले ही करवा चुके थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने भी इस बावड़ी को साफ करने का संकल्प लिया. राजनीति जो भी हो बावड़ी साफ हो गई और अगर दोनों ही पार्टियां इस पर ध्यान देती नहीं तो इतिहास की यह विरासत बच भी जाएगी.

लोग कर रहे मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद: स्थानीय लोग इस पूरे कार्यक्रम को बड़े कौतूहल के नजरिए से देख रहे थे. सर्वोदय बस्ती में ज्यादातर आंध्र प्रदेश से जबलपुर आकर बसे परिवार रहते हैं. इनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है और वह अभी भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करते हैं. ऐसे में उनकी यह समझ में नहीं आ रहा था कि इस शहर के गणमान्य बावड़ी की सफाई करने में क्यों अपना समय बर्बाद कर रहे हैं.

सांसद राकेश सिंह ने की दो बावड़ियों की सफाई

जबलपुर। सांसद राकेश सिंह अपने पूरे दल बल के साथ जबलपुर पहुंचे. यहां एक बेहद पिछड़े इलाके सर्वोदय बस्ती के अंदर एक पुरानी बावड़ी की सफाई करने के लिए बीजेपी सांसद राकेश सिंह पहुंचे. इस दौरान जबलपुर कैंट विधायक अशोक रोहाणी, पनागर विधायक सुशील तिवारी और कुंडम विधायक नंदनी मरावी के साथ भारतीय जनता पार्टी के नगर निगम के कई पार्षद श्रमदान करते हुए नजर आए.

प्रधानमंत्री की अपील पर जल स्रोतों की सफाई: राकेश सिंह का कहना है कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की है कि पुराने जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया जाए. इसी वजह से हम सब जबलपुर की 2 बावड़ियों को साफ कर रहे हैं और इनमें आगे भी गंदगी न हो इसका ध्यान रखा जाएगा. इसके साथ ही इन्हें जल मंदिर के रूप में स्थापित किया जाएगा. इसी के चलते भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता गंदगी की परवाह किए बिना बावड़ी की सफाई करते हुए नजर आए.

बावड़ी के जरिए राजनीति: यह बावड़ी जबलपुर की सर्वोदय बस्ती के अंदर है. सर्वोदय बस्ती शहर का सबसे पिछड़ा इलाका है, जहां जबलपुर शहर के सफाई कर्मी रहते हैं. अगर राजनीतिक नजरिए से देखें तो ये जबलपुर की मध्य विधानसभा क्षेत्र का इलाका है, जहां भारतीय जनता पार्टी पिछले चुनाव में हार गई थी. इसी वजह से इस इलाके के कार्यकर्ताओं को एकजुट कर चुनाव के लिए तैयार किया जा रहा है. यह कार्यक्रम भी श्रमदान के साथ-साथ कार्यकर्ताओं में एकजुटता बढ़ाने का प्रयास था.

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राजनीति के चक्कर में बावड़ी साफ हो गई: यह बावड़ी जबलपुर में गोंडवाना काल के दौरान बनाई गई थी. तब यहां रानी दुर्गावती का शासन हुआ करता था, लेकिन आसपास दूसरे जल स्रोतों के आने के बाद बावड़ी की उपयोगिता कम हो गई और धीरे-धीरे इस बावड़ी में गंदगी जमा होने लगी. हालांकि बावड़ी की सफाई स्थानीय कांग्रेस पार्षद पहले ही करवा चुके थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने भी इस बावड़ी को साफ करने का संकल्प लिया. राजनीति जो भी हो बावड़ी साफ हो गई और अगर दोनों ही पार्टियां इस पर ध्यान देती नहीं तो इतिहास की यह विरासत बच भी जाएगी.

लोग कर रहे मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद: स्थानीय लोग इस पूरे कार्यक्रम को बड़े कौतूहल के नजरिए से देख रहे थे. सर्वोदय बस्ती में ज्यादातर आंध्र प्रदेश से जबलपुर आकर बसे परिवार रहते हैं. इनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है और वह अभी भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करते हैं. ऐसे में उनकी यह समझ में नहीं आ रहा था कि इस शहर के गणमान्य बावड़ी की सफाई करने में क्यों अपना समय बर्बाद कर रहे हैं.

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