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रजक समाज ने किया जल सत्याग्रह, अनुसूचित जाति के स्टेटस की मांग - jal Satyagraha of Rajak Samaj

जबलपुर के ग्वारीघाट में रजक समाज के लोगों ने जलसत्याग्रह किया और समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग की है. पढ़िए पूरी खबर..

jal Satyagraha
जल सत्याग्रह
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Published : Oct 2, 2020, 8:05 PM IST

जबलपुर। रजक समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर समाज के लोगों ने जल सत्याग्रह किया. जल सत्याग्रह करने वाले लोगों का आरोप है कि रजक समाज के साथ देशभर में आरक्षण के नाम पर मजाक किया जा रहा है. देश के 18 राज्यों में रजक समाज अनुसूचित जाति की श्रेणी में आता है. वहीं 11 राज्यों में इसे अन्य पिछड़ा वर्ग का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां तीन जिलों में तो रजक समाज अनुसूचित जाति में आता है, लेकिन बाकी प्रदेश में इसे अन्य पिछड़ा वर्ग में रखा गया है.

रजक समाज ने किया जल सत्याग्रह

एक ही प्रदेश और एक ही देश में एक ही जाति के साथ अलग-अलग तरीके से व्यवहार रजक समाज के लोगों की समझ में नहीं आ रहा है. लोगों की मांग है कि पूरे देश में यह जाति एक है तो हमें अनुसूचित जाति में ही क्यों नहीं रखा जाता. ग्वारीघाट में सत्याग्रह कर रहे लोगों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होंगी वो इसी तरीके से जल सत्याग्रह करते रहेंगे.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आरक्षण पर एक बार फिर से बहस होनी चाहिए, क्योंकि आरक्षण समाज में वैमनस्य और दूरियां बना रहा है और इसका फायदा भी पूरे समाज को नहीं मिल पा रहा है.

जबलपुर। रजक समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर समाज के लोगों ने जल सत्याग्रह किया. जल सत्याग्रह करने वाले लोगों का आरोप है कि रजक समाज के साथ देशभर में आरक्षण के नाम पर मजाक किया जा रहा है. देश के 18 राज्यों में रजक समाज अनुसूचित जाति की श्रेणी में आता है. वहीं 11 राज्यों में इसे अन्य पिछड़ा वर्ग का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां तीन जिलों में तो रजक समाज अनुसूचित जाति में आता है, लेकिन बाकी प्रदेश में इसे अन्य पिछड़ा वर्ग में रखा गया है.

रजक समाज ने किया जल सत्याग्रह

एक ही प्रदेश और एक ही देश में एक ही जाति के साथ अलग-अलग तरीके से व्यवहार रजक समाज के लोगों की समझ में नहीं आ रहा है. लोगों की मांग है कि पूरे देश में यह जाति एक है तो हमें अनुसूचित जाति में ही क्यों नहीं रखा जाता. ग्वारीघाट में सत्याग्रह कर रहे लोगों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होंगी वो इसी तरीके से जल सत्याग्रह करते रहेंगे.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आरक्षण पर एक बार फिर से बहस होनी चाहिए, क्योंकि आरक्षण समाज में वैमनस्य और दूरियां बना रहा है और इसका फायदा भी पूरे समाज को नहीं मिल पा रहा है.

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