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प्राथमिक शिक्षक ने पूरे गांव को ही बना दिया स्कूल, तस्वीरों में देखें जबलपुर का यह विलेज

मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा गांव है, जिसकी हर दिवार आपको शिक्षा का संदेश देती नजर आएगी. एक ओर जहां सरकारी स्कूलों को पढ़ाई न होने के नाम पर बदनाम किया जाता है, वहीं दूसरी ओर यह गांव शिक्षा के क्षेत्र में लोगों के लिए मिशाल बन गया है.

School Village of Jabalpur
जबलपुर का स्कूल गांव
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Published : Apr 4, 2022, 7:36 PM IST

Updated : Apr 4, 2022, 10:34 PM IST

जबलपुर। अभी तक आपने गांव में स्कूल सुना होगा. आपने कभी पूरा गांव ही स्कूल है, यह नहीं सुना होगा. मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा ही गांव, जो पूरा गांव स्कूल है. गांव में आप जिस भी रास्ते से गुजरेंगे, वहां की हर दीवार शिक्षा की अलख जगा रही है. आप भी देखिए ETV भारत की यह खास रिपोर्ट- (unique village in jabalpur)

जबलपुर का स्कूल गांव

एमपी की संस्कारधानी ने किया कमालः गांव में स्थित स्कूलों में शिक्षा का हाल अमूमन किसी से छुपा नहीं है. कुछ गांव को छोड़ दें तो अमुमन हर गांव की कहानी एक ही है. मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में एक ऐसा गांव है, जिसे एक शासकीय प्राथमिक शिक्षक ने शिक्षा का ऐसा बहुमूल्य तोहफा दिया है, जो पूरे गांव के लिए एक बड़ा वरदान बन गया है. (fully village became school in jabalpur)

School Village of Jabalpur
बच्चों को पढ़ाते शिक्षक दिनेश मिश्रा

एक शिक्षक ने पूरा गांव बना दिया स्कूलः जबलपुर का अब यह पूरा गांव ही अपने आप में स्कूल बन गया है. गांव की जिस भी गली में आप निकलेंगे आप को सिर्फ शिक्षा से भरा माहौल और तस्वीरें नजर आएंगी. आइए आपको भी ले चलते हैं संस्कारधानी जबलपुर से 40 किलोमीटर दूर बने धर्मपुरा गांव में जहां की हर एक दीवार शिक्षा की अलख जगाती है. (jabalpur teacher initiative)

School Village of Jabalpur
दिवारों को देखकर पढ़ते बच्चे

यू ही नहीं किसी की बेवजह बढ़ाई होती है,
दृढ़ इच्छा शक्ति और लगन सफलता की दवाई होती है।
अजी भेजिए तो रोज बच्चों को स्कूल, और घर में पढ़ने को कहिए,
कौन कहता है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है।।

School Village of Jabalpur
शरीर के अंगों के बारे में पढ़ती छात्रा

शिक्षाप्रद हो गया धर्मपुरा गांवः यह पंक्तियां या शेर शायद आपको प्रभावित न करें, लेकिन जबलपुर से लगे धर्मपुरा गांव के वाशिंदे तो इन शब्दों की अहमियत को बखूबी समझते हैं. एक सरकारी नौकरी पेशा प्राथमिक शिक्षक की जिद ने आज पूरे गांव की तस्वीर और तासीर को ही बदल डाला है. धर्मपुरा गांव की हर एक गली में दीवार शिक्षाप्रद है. यानी शिक्षा की सामग्री से परिपूर्ण है. बाकी जो भी दीवार बची हैं, उनमें भी शिक्षा की स्याही से कुछ न कुछ ऐसा लिखा जा रहा है, जो वहां मौजूद देश के भविष्य यानी बच्चों को और वहां मौजूद लोगों को कोई न कोई सीख देगा.

School Village of Jabalpur
दिवारों पर लिखे पहाड़े और वर्णमाला

दिनेश मिश्रा ने बदली गांव की तस्वीर ?: आमतौर पर सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही बदहाल व्यवस्था, अनुशासन न होना, शिक्षक का बच्चों पर पूरा ध्यान नहीं देना, आराम फरमाते अध्यापक जैसे ख्याल मन में आने लगते हैं. इस सोच को बदलने की कोशिश प्रदेश के कुछ शिक्षक कर रहे हैं. इन्हीं शिक्षकों में से एक दिनेश मिश्रा हैं, जिन्होंने धर्मपुरा गांव की तस्वीर ही बदल दी. हर दीवार को शिक्षाप्रद बना दिया. सरकारी शिक्षक की इस अनोखी पहल को हर कोई तारीफ कर रहा है. विशेष तौर पर नौनिहाल बच्चे मास्टर जी की इस सोच पर फिदा हो गए हैं.

School Village of Jabalpur
गांव की हर दिवार पर बनाई शिक्षा संबंधित पेंटिंग

क्या कहते हैं शिक्षक दिनेश मिश्राः शिक्षक दिनेश मिश्रा ने कहा कि कोरोना काल में जब उन्होंने मोहल्ला क्लास लगाना शुरू किया, तो सभी बच्चे पढ़ने के लिए एकत्रित नहीं हो पाते थे. इसकी बड़ी वजह यह थी कि गांव में सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग के लोग हैं. जो काम के लिए सुबह से निकल जाते हैं. अपने साथ अपने बच्चों को भी काम के लिए ले जाते हैं. इसी को देखते हुए शिक्षक के मन में विचार आया कि गांव का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए, जिसके लिए उन्होंने गांव की हर दीवार को शिक्षाप्रद बनाने का विचार किया.

दो स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, बच्चे पूछ रहे 'कैसे पढ़ेंगे हम कैसे बढ़ेंगे हम' ?

गांव में जो काम शिक्षक दिनेश मिश्रा कर रहे हैं, उसकी सराहना पूरे जबलपुर में हो रही है. हर कोई कह रहा है कि ऐसे ही शिक्षक की जरूरत आज हर स्कूल में है. लोग कह रह हैं कि इस तरह के शिक्षक पूरे देश के विद्यालय में हो जाए तो सरकारी विद्यालयों का कायाकल्प हो जाए. शिक्षक दिनेश कुमार मिश्रा के इस कार्य ने देश के भावी भविष्य को तरासने के साथ ही विद्या के मंदिर को संवारकर गुरु का मान बढ़ाया है.

जबलपुर। अभी तक आपने गांव में स्कूल सुना होगा. आपने कभी पूरा गांव ही स्कूल है, यह नहीं सुना होगा. मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा ही गांव, जो पूरा गांव स्कूल है. गांव में आप जिस भी रास्ते से गुजरेंगे, वहां की हर दीवार शिक्षा की अलख जगा रही है. आप भी देखिए ETV भारत की यह खास रिपोर्ट- (unique village in jabalpur)

जबलपुर का स्कूल गांव

एमपी की संस्कारधानी ने किया कमालः गांव में स्थित स्कूलों में शिक्षा का हाल अमूमन किसी से छुपा नहीं है. कुछ गांव को छोड़ दें तो अमुमन हर गांव की कहानी एक ही है. मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में एक ऐसा गांव है, जिसे एक शासकीय प्राथमिक शिक्षक ने शिक्षा का ऐसा बहुमूल्य तोहफा दिया है, जो पूरे गांव के लिए एक बड़ा वरदान बन गया है. (fully village became school in jabalpur)

School Village of Jabalpur
बच्चों को पढ़ाते शिक्षक दिनेश मिश्रा

एक शिक्षक ने पूरा गांव बना दिया स्कूलः जबलपुर का अब यह पूरा गांव ही अपने आप में स्कूल बन गया है. गांव की जिस भी गली में आप निकलेंगे आप को सिर्फ शिक्षा से भरा माहौल और तस्वीरें नजर आएंगी. आइए आपको भी ले चलते हैं संस्कारधानी जबलपुर से 40 किलोमीटर दूर बने धर्मपुरा गांव में जहां की हर एक दीवार शिक्षा की अलख जगाती है. (jabalpur teacher initiative)

School Village of Jabalpur
दिवारों को देखकर पढ़ते बच्चे

यू ही नहीं किसी की बेवजह बढ़ाई होती है,
दृढ़ इच्छा शक्ति और लगन सफलता की दवाई होती है।
अजी भेजिए तो रोज बच्चों को स्कूल, और घर में पढ़ने को कहिए,
कौन कहता है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है।।

School Village of Jabalpur
शरीर के अंगों के बारे में पढ़ती छात्रा

शिक्षाप्रद हो गया धर्मपुरा गांवः यह पंक्तियां या शेर शायद आपको प्रभावित न करें, लेकिन जबलपुर से लगे धर्मपुरा गांव के वाशिंदे तो इन शब्दों की अहमियत को बखूबी समझते हैं. एक सरकारी नौकरी पेशा प्राथमिक शिक्षक की जिद ने आज पूरे गांव की तस्वीर और तासीर को ही बदल डाला है. धर्मपुरा गांव की हर एक गली में दीवार शिक्षाप्रद है. यानी शिक्षा की सामग्री से परिपूर्ण है. बाकी जो भी दीवार बची हैं, उनमें भी शिक्षा की स्याही से कुछ न कुछ ऐसा लिखा जा रहा है, जो वहां मौजूद देश के भविष्य यानी बच्चों को और वहां मौजूद लोगों को कोई न कोई सीख देगा.

School Village of Jabalpur
दिवारों पर लिखे पहाड़े और वर्णमाला

दिनेश मिश्रा ने बदली गांव की तस्वीर ?: आमतौर पर सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही बदहाल व्यवस्था, अनुशासन न होना, शिक्षक का बच्चों पर पूरा ध्यान नहीं देना, आराम फरमाते अध्यापक जैसे ख्याल मन में आने लगते हैं. इस सोच को बदलने की कोशिश प्रदेश के कुछ शिक्षक कर रहे हैं. इन्हीं शिक्षकों में से एक दिनेश मिश्रा हैं, जिन्होंने धर्मपुरा गांव की तस्वीर ही बदल दी. हर दीवार को शिक्षाप्रद बना दिया. सरकारी शिक्षक की इस अनोखी पहल को हर कोई तारीफ कर रहा है. विशेष तौर पर नौनिहाल बच्चे मास्टर जी की इस सोच पर फिदा हो गए हैं.

School Village of Jabalpur
गांव की हर दिवार पर बनाई शिक्षा संबंधित पेंटिंग

क्या कहते हैं शिक्षक दिनेश मिश्राः शिक्षक दिनेश मिश्रा ने कहा कि कोरोना काल में जब उन्होंने मोहल्ला क्लास लगाना शुरू किया, तो सभी बच्चे पढ़ने के लिए एकत्रित नहीं हो पाते थे. इसकी बड़ी वजह यह थी कि गांव में सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग के लोग हैं. जो काम के लिए सुबह से निकल जाते हैं. अपने साथ अपने बच्चों को भी काम के लिए ले जाते हैं. इसी को देखते हुए शिक्षक के मन में विचार आया कि गांव का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए, जिसके लिए उन्होंने गांव की हर दीवार को शिक्षाप्रद बनाने का विचार किया.

दो स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, बच्चे पूछ रहे 'कैसे पढ़ेंगे हम कैसे बढ़ेंगे हम' ?

गांव में जो काम शिक्षक दिनेश मिश्रा कर रहे हैं, उसकी सराहना पूरे जबलपुर में हो रही है. हर कोई कह रहा है कि ऐसे ही शिक्षक की जरूरत आज हर स्कूल में है. लोग कह रह हैं कि इस तरह के शिक्षक पूरे देश के विद्यालय में हो जाए तो सरकारी विद्यालयों का कायाकल्प हो जाए. शिक्षक दिनेश कुमार मिश्रा के इस कार्य ने देश के भावी भविष्य को तरासने के साथ ही विद्या के मंदिर को संवारकर गुरु का मान बढ़ाया है.

Last Updated : Apr 4, 2022, 10:34 PM IST
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