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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन महिलाएं कराना चाहती हैं अपनी डिलीवरी, 1 हजार गर्भवतियों ने डॉक्टर से मांगी डेट - 22 जनवरी को डिलीवरी

Pregnant womens want Delivery on 22 Jan : अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इस खास दिन को और खास बनाने में गर्भवती महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. इस दिन को बेहद शुभ मानते हुए महिलाएं 22 जनवरी को डिलीवरी कराना चाह रही हैं.

Jabalpur Pregnant womens want Delivery on 22 Jan
1 हजार गर्भवतियों ने डॉक्टर से मांगी डेट
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 12, 2024, 12:15 PM IST

Updated : Jan 12, 2024, 1:24 PM IST

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन डिलीवरी चाहती हैं महिलाएं

जबलपुर. भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखी जाने वाली तारीख, 22 जनवरी 2024 को भगवान श्री राम अयोध्या में बनकर तैयार भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. और यही वजह है कि इस ऐतिहासिक पल को हर कोई अपने-अपने तरीके से और खास बनाना चाहता है. इस मामले में जबलपुर (Jabalpur) की गर्भवती महिलाएं (Pregnant womens) भी पीछे नहीं हैं. गर्भवती महिलाएं 22 जनवरी को अपने बच्चों को जन्म देना चाहती हैं, क्योंकि उनका मानना है कि अगर 22 जनवरी को उनके घर किलकारी गूंजेगी, तो उसमें भी गुण भगवान श्री राम के आएंगे.

1 हजार गर्भवतियों ने डॉक्टर से मांगी डेट

बता दें कि जबलपुर में एक हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाएं अपने चिकित्सकों से 22 जनवरी को डिलीवरी के लिए परामर्श ले रही हैं. जबलपुर चरगवां की रहने वाली अंशु चौबे का भगवान राम के प्रति बढ़ा ही स्नेह है. अंशु भी जल्द बच्चे को जन्म देने वाली हैं, डॉक्टर ने उन्हें डिलीवरी के लिए 20 जनवरी की तारीख दी है, अंशु चाहती हैं कि वे 22 जनवरी को अपने बच्चे को जन्म दें. इसके लिए उन्होंने बाकायदा डॉक्टर से सलाह भी ली है. हालांकि, डॉक्टर ने अभी उन्हें 22 तारीख पर बच्चे के जन्म के लिए सहमति नहीं दी है.

कई के लिए डिलीवरी संभव, कई के लिए मुश्किल

इस मामले में डॉक्टर इंदू राजपूत का कहना है कि अक्सर इस तरह की जानकारियां सामने आती रहती हैं जब गर्भवती महिलाएं किसी विशेष तारीख या मुहूर्त पर बच्चों को जन्म देना चाहती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि बच्चे की जन्म तारीख, दिन और समय का उसके जीवन पर गहरा प्रभाव होता है, लेकिन इसमें कई तकनीकी समस्याएं होती हैं. बच्चे के जन्म का समय महिला के गर्भ धारण के समय के अनुसार तय होता है और उसकी की गणना से डॉक्टर बच्चे के जन्म की तारीख बताता है. राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Ram mandir Inaugration) के विशेष दिन भी महिलाएं ऐसी इच्छा जाहिर कर रही हैं कि वे इसी दिन बच्चों को जन्म दें. आमतौर पर जन्म तारीख के चार या पांच दिन आगे-पीछे बच्चे का जन्म करवाना संभव है लेकिन इसमें बच्चे और उसकी मां का पूर्णतः स्वस्थ होना आवश्यक है.

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1 हजार गर्भवतियों ने डॉक्टर से मांगी डेट

बता दें कि जबलपुर में एक हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाएं अपने चिकित्सकों से 22 जनवरी को डिलीवरी के लिए परामर्श ले रही हैं. जबलपुर चरगवां की रहने वाली अंशु चौबे का भगवान राम के प्रति बढ़ा ही स्नेह है. अंशु भी जल्द बच्चे को जन्म देने वाली हैं, डॉक्टर ने उन्हें डिलीवरी के लिए 20 जनवरी की तारीख दी है, अंशु चाहती हैं कि वे 22 जनवरी को अपने बच्चे को जन्म दें. इसके लिए उन्होंने बाकायदा डॉक्टर से सलाह भी ली है. हालांकि, डॉक्टर ने अभी उन्हें 22 तारीख पर बच्चे के जन्म के लिए सहमति नहीं दी है.

कई के लिए डिलीवरी संभव, कई के लिए मुश्किल

इस मामले में डॉक्टर इंदू राजपूत का कहना है कि अक्सर इस तरह की जानकारियां सामने आती रहती हैं जब गर्भवती महिलाएं किसी विशेष तारीख या मुहूर्त पर बच्चों को जन्म देना चाहती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि बच्चे की जन्म तारीख, दिन और समय का उसके जीवन पर गहरा प्रभाव होता है, लेकिन इसमें कई तकनीकी समस्याएं होती हैं. बच्चे के जन्म का समय महिला के गर्भ धारण के समय के अनुसार तय होता है और उसकी की गणना से डॉक्टर बच्चे के जन्म की तारीख बताता है. राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Ram mandir Inaugration) के विशेष दिन भी महिलाएं ऐसी इच्छा जाहिर कर रही हैं कि वे इसी दिन बच्चों को जन्म दें. आमतौर पर जन्म तारीख के चार या पांच दिन आगे-पीछे बच्चे का जन्म करवाना संभव है लेकिन इसमें बच्चे और उसकी मां का पूर्णतः स्वस्थ होना आवश्यक है.

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Last Updated : Jan 12, 2024, 1:24 PM IST
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