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Rani Durgavati University: MBA छात्रों को सिखाए जा रहे भारतीय ऋषियों के प्रबंधन के गुण - ऋषि वशिष्ठ

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भारतीय ऋषियों के मैनेजमेंट के तरीके सिखाए जा रहे हैं. एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशीष शर्मा ने ऋषि वशिष्ठ और ऋषि विश्वामित्र के मैनेजमेंट के तरीके को अनूठा मानते हुए शिक्षण सामग्री तैयार की है.

Rani Durgavati University
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय
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Published : Jul 4, 2023, 7:13 PM IST

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय मे मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.आशीष शर्मा एक नया प्रयोग कर रहे हैं. आशीष शर्मा का कहना है, ''अभी तक मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मैनेजमेंट की जो भी थ्योरी पढ़ाई जा रही हैं, वह सभी अंग्रेजों की मैनेजमेंट संबंधी प्रबंधन के आधार पर तय की गई है. उनमें भारतीय प्रबंधन का बहुत कम हिस्सा है, जबकि भारत में भी ऋषि मुनियों के पास प्रबंधन के बहुत अच्छे तरीके थे. इनमें से दो तरीकों पर उन्होंने अध्ययन सामग्री तैयार की है, जिसे वे छात्रों को सिखा रहे हैं.

ऋषि वशिष्ठ का प्रबंधन: डॉ. आशीष शर्मा ने कहा, ''वशिष्ठ भगवान राम और अयोध्या के राजगुरु थे और भारतीय धार्मिक ग्रंथों में उनके बारे में यह लिखा गया है कि वे बहुत अध्ययन करते थे, शांत प्रकृति के थे और मौजूदा संसाधनों से ही कुशलतापूर्वक व्यवस्था चलाते थे. राम का चरित्र दरअसल वशिष्ठ द्वारा सिखाया हुआ ज्ञान था, यदि प्रबंधन में ऋषि वशिष्ठ के नियमों का पालन किया जाए तो एक प्रबंधक को लगातार ज्ञान की प्राप्ति करना चाहिए. कभी अपनी मर्यादा नहीं तोड़नी चाहिए और विपरीत परिस्थितियों में भी शांत तरीके से निर्णय लेने चाहिए.

ऋषि विश्वामित्र का तरीका: डॉ आशीष शर्मा के अनुसार विश्वामित्र के बारे में कहा जाता है कि वह पहले एक राजा थे. फिर उन्होंने ऋषि वशिष्ट से ही युद्ध किया, लेकिन वे हार गए. बाद में उन्होंने घोर तप किया. इसके बाद वे ऋषि बन पाए. विश्वामित्र ने अपने एक शिष्य को जिंदा ही स्वर्ग ले जाने का प्रयोग किया था. डॉ.आशीष शर्मा का कहना है कि ऋषि विश्वामित्र के अनुसार एक मैनेजमेंट के छात्र को प्रयोगधर्मी होना चाहिए और नए प्रयोग करने से हिचककना नहीं चाहिए. वहीं, यदि समय की जरूरत है तो आमूलचूल परिवर्तन के निर्णय भी एक मैनेजर को अपने व्यवसाय के लिए लेनी चाहिए.

ये भी पढ़ें :-

चाणक्य का प्रबंधन बड़ा उदाहरणः भारतीय इतिहास में चाणक्य का प्रबंधन भी एक बड़ा उदाहरण है, जिसने एक राह चलते बच्चे को भारत का राजा बना दिया था. पहली बार भारत एक राज्य से साम्राज्य के रूप में स्थापित हो पाया था. भारतीय इतिहास में ऐसे कई शानदार चरित्र हैं जिनका प्रबंधन का तरीका गजब का था. इसलिए हमारी शिक्षा को केवल विदेशों में किए गए अध्ययन पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए. डॉ.आशीष का प्रयोग अभी प्रारंभिक अवस्था में है. वे चाहते हैं कि इसे रिसर्च के द्वारा मान्यता मिले और दूसरे प्रबंधन संस्थानों में भी इसे पढ़ाया जाए.

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय मे मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.आशीष शर्मा एक नया प्रयोग कर रहे हैं. आशीष शर्मा का कहना है, ''अभी तक मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मैनेजमेंट की जो भी थ्योरी पढ़ाई जा रही हैं, वह सभी अंग्रेजों की मैनेजमेंट संबंधी प्रबंधन के आधार पर तय की गई है. उनमें भारतीय प्रबंधन का बहुत कम हिस्सा है, जबकि भारत में भी ऋषि मुनियों के पास प्रबंधन के बहुत अच्छे तरीके थे. इनमें से दो तरीकों पर उन्होंने अध्ययन सामग्री तैयार की है, जिसे वे छात्रों को सिखा रहे हैं.

ऋषि वशिष्ठ का प्रबंधन: डॉ. आशीष शर्मा ने कहा, ''वशिष्ठ भगवान राम और अयोध्या के राजगुरु थे और भारतीय धार्मिक ग्रंथों में उनके बारे में यह लिखा गया है कि वे बहुत अध्ययन करते थे, शांत प्रकृति के थे और मौजूदा संसाधनों से ही कुशलतापूर्वक व्यवस्था चलाते थे. राम का चरित्र दरअसल वशिष्ठ द्वारा सिखाया हुआ ज्ञान था, यदि प्रबंधन में ऋषि वशिष्ठ के नियमों का पालन किया जाए तो एक प्रबंधक को लगातार ज्ञान की प्राप्ति करना चाहिए. कभी अपनी मर्यादा नहीं तोड़नी चाहिए और विपरीत परिस्थितियों में भी शांत तरीके से निर्णय लेने चाहिए.

ऋषि विश्वामित्र का तरीका: डॉ आशीष शर्मा के अनुसार विश्वामित्र के बारे में कहा जाता है कि वह पहले एक राजा थे. फिर उन्होंने ऋषि वशिष्ट से ही युद्ध किया, लेकिन वे हार गए. बाद में उन्होंने घोर तप किया. इसके बाद वे ऋषि बन पाए. विश्वामित्र ने अपने एक शिष्य को जिंदा ही स्वर्ग ले जाने का प्रयोग किया था. डॉ.आशीष शर्मा का कहना है कि ऋषि विश्वामित्र के अनुसार एक मैनेजमेंट के छात्र को प्रयोगधर्मी होना चाहिए और नए प्रयोग करने से हिचककना नहीं चाहिए. वहीं, यदि समय की जरूरत है तो आमूलचूल परिवर्तन के निर्णय भी एक मैनेजर को अपने व्यवसाय के लिए लेनी चाहिए.

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चाणक्य का प्रबंधन बड़ा उदाहरणः भारतीय इतिहास में चाणक्य का प्रबंधन भी एक बड़ा उदाहरण है, जिसने एक राह चलते बच्चे को भारत का राजा बना दिया था. पहली बार भारत एक राज्य से साम्राज्य के रूप में स्थापित हो पाया था. भारतीय इतिहास में ऐसे कई शानदार चरित्र हैं जिनका प्रबंधन का तरीका गजब का था. इसलिए हमारी शिक्षा को केवल विदेशों में किए गए अध्ययन पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए. डॉ.आशीष का प्रयोग अभी प्रारंभिक अवस्था में है. वे चाहते हैं कि इसे रिसर्च के द्वारा मान्यता मिले और दूसरे प्रबंधन संस्थानों में भी इसे पढ़ाया जाए.

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