जबलपुर। मध्य प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था कितनी लचर है. इसका पता चमचमाते हुए अस्पतालों को देखकर नहीं लग पाता है. आज जब डॉक्टर हड़ताल पर गए, तब उन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल पट्टी खोल दी. आपको बता दें कि जबलपुर जिला चिकित्सालय में केवल 15 प्रतिशत डॉक्टर हैं, 85 प्रतिशत पोस्ट खाली है. आंकड़े से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि चिकित्सा व्यवस्था का आलम क्या होगा. यह जानकारी जबलपुर जिला चिकित्सालय के रेडियोलॉजिस्ट मनीष मिश्रा ने दी है. जबलपुर जिला चिकित्सालय में मात्र एक सर्जन है और कभी-कभी उनकी ड्यूटी भी सर्जरी के अलावा दूसरे कामों में लगा दी जाती है. इसके कारण सर्जरी में आए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
Raju Return India: राजू की हुई वतन वापसी, कई सालों से था पाकिस्तान की जेल में बंद
डॉक्टरों के साथ बदमाशों जैसा रवैयाः इसको लेकर जबलपुर जिला चिकित्सालय के रेडियोलॉजिस्ट मनीष मिश्रा का आरोप है कि सरकार डॉक्टरों के साथ तड़ीपार बदमाशों जैसा रवैया अपना रही है. मनीष मिश्रा का कहना है कि डॉक्टरों को अपनी अटेंडेंस 1 कैमरे के सामने खड़े होकर लगानी होती है. वह इस प्रक्रिया को बेइज्जती से भरा महसूस करते हैं. उनका कहना है कि इसी वजह से मध्यप्रदेश में डॉक्टर काम करना नहीं चाहते और मध्यप्रदेश को छोड़ कर छत्तीसगढ़ भाग रहे हैं. डॉ. मनीष मिश्रा का कहना है कि शहर के आसपास के कई क्षेत्रों में सरकार ने अस्पताल इमारतें तो बना दी हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं है ऐसी स्थिति में क्या बिल्डिंग मरीजों का इलाज कर देगी.
डॉक्टरों ने आज काली पट्टी लगाकर किया विरोधः दरअसल, आज से सरकारी व्यवस्था में लगे हुए चिकित्सकों ने हड़ताल शुरू की है और आज काली पट्टी लगाकर विरोध किया. डॉक्टरों की मांग है कि खाली पड़े हुए पदों पर भर्ती की जाए. डॉक्टरों का इस्तेमाल दूसरे सरकारी कर्मचारियों की तरह ना किया जाए और डॉक्टरों को इस बात की छूट दी जाए, वे केवल मरीजों का इलाज कर सकें. इस मांग के अलावा डॉक्टरों की पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग की गई. डॉक्टरों ने कहा कि यदि इन मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो काम बंद हड़ताल करने की चेतावनी दी है.
MP Bjp: शिवराज-संघ प्रमुख मुलाकात पर सत्ता के गलियारे में हड़कंप, सभी मंत्री 19 को भोपाल तलब किए गए
खाना तक नहीं खाने देते तीमारदार: डॉक्टर मनीष मिश्रा का आरोप है कि बीते दिनों जबलपुर के सिहोरा में लंच कर रहे डॉक्टर पर लोगों ने हमला कर दिया क्योंकि वह लंच के दौरान मरीज को इलाज नहीं दे रहा था. मनीष मिश्रा का कहना है कि मरीज के साथ आए तीमारदार डॉक्टरों को खाना खाने भी नहीं देते हैं और उनके साथ बदतमीजी करते हैं.