जबलपुर। लेफ्ट टर्न प्रस्ताव के लिये बिना भूमि अधिग्रहण का पालन किये की जा रही कार्रवाई संबंधी मामले में जिला अदालत ने पूर्व में स्थगन आदेश दिया था. स्थगन आदेश के बावजूद फ्लाईओवर विस्तार के लिये अधिकारियों ने याचिकाकर्ता का निर्माण तोड़कर वहां गड्डे कर दिये. जिसे अदालत के समक्ष चुनौती दी गई. जिस पर पीठासीन अधिकारी रुचि सागर की अदालत ने जबलपुर कलेक्टर, निगामायुक्त, भवन अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी व कोतवाली थाना प्रभारी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
लेफ्ट टर्न का प्रस्ताव निरस्त किया था : गौरतलब है कि वर्ष 2016 में दमोह नाका में लेफ्ट टर्न के नाम पर याचिकाकर्ता मंजू अहिरवार की जमीन से रास्ता बनाने प्रस्ताव पारित किया गया था. आरोप था कि बिना अधिग्रहण की कार्रवाई के उक्त प्रकिया की गई. जिस पर वाद जिला अदालत में दायर किया गया था. इसमें न्यायालय ने 1 फरवरी 2019 को स्थगन आदेश दिया था और किसी भी निर्माण पर रोक लगा दी थी. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता बालकिशन चौधरी ने पक्ष रखा. जिन्होंने बताया कि उक्त व्यवहार वाद में नगर निगम ने जवाब पेश किया था, लेफ्ट टर्न प्रस्ताव निरस्त किये जाने की जानकारी दी गई थी.
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फ्लाईओवर का मामला : उक्त मामला अभी भी अदालत में लंबित है. इसके बावजूद 4 नवंबर 2023 को याचिकाकर्ता का निर्माण तोड़ दिया गया और फ्लाई ओवर के लिये गड्ढे खोद दिये गये, जबकि मौके पर स्थगन आदेश बोर्ड भी लगा हुआ है. वीडियों रिकार्डिंग में अधिकारियों ने कहा कि हम नहीं मानते आदेश. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्री चौधरी ने अदालत को बताया कि स्थगन आदेश की जानकारी देने पर मौके पर मौजूद अनावेदक अधिकारियों ने कहा कि वह आदेश का पालन नहीं करते, हमें केन्द्र शासन से आदेश है. जिसकी वीडियों रिकार्डिंग भी की गई है. जिसको लेकर यह अवमानना याचिका दायर की गई है.