जबलपुर। जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने पांच समिति प्रबंधकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. गेहूं एवं धान उपार्जन में अनियमितता और करोड़ों रुपए के गबन के आरोप में यह कार्रवाई की गई है. कलेक्टर ने निलंबन की कार्रवाई करते हुए पांचों समिति प्रबंधकों से गबन राशि की वसूली करते हुए अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.
दरअसल, साल 2020-21 में पांचों समिति प्रबंधकों को धान खरीदी और गेहूं उपार्जन के कार्य के लिए खरीदी प्रभारी बनाया गया था. इन लोगों ने शासन की तरफ से जारी नीति के तहत उपार्जन न कर अमानक स्तर की धान और गेहूं का उपार्जन किया था. इसके साथ ही प्रभारी सहायक प्रबंधक द्वारा कई किसानों को अनियमित रूप से भुगतान भी कर दिया गया. जिस वजह से प्रशासन को करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ.
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पाटन समिति प्रबंधक रामरुद्र शर्मा, शहपुरा समिति प्रबंधक मुन्नालाल और सिहोरा समिति प्रबंधक फागचंद्र चढ़ार के कार्यों में काफी अनियमितता मिली थी. जिसके चलते इन्हें नोटिस भी भेजे गए, लेकिन इनके द्वारा जवाब नहीं दिया गया. इन सभी ने करीब 50 लाख रुपए के राजस्व का चूना लगाया है. बेलखेड़ा सहकारी समिति के सहायक प्रभारी प्रबंधक रोहित शर्मा ने अमानक स्तर के गेहूं और धान की खरीदी की थी. जिसका कई किसानों को भुगतान भी कर दिया गया. रोहित शर्मा को लगभग 51 लाख 20 हजार रुपये की राशि 15 दिन में समिति के खाते में जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं. बरखेड़ा बिजौरी के समिति प्रबंधक गेंदालाल पटेल के खिलाफ किसानों से प्राप्त राशि को समय पर बैंक में जमा ना करने की लापरवाही पाई गई थी.
साल 2013-14 में भी पाटन तहसील की सरोंद सहकारी समिति में इसी तरह की गड़बड़ी पाई गई थी. जिसमें समिति प्रबंधक गेंदालाल पटेल सहित 12 लोग दोषी पाए गए थे. 2019 में इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और रिकवरी के निर्देश जारी किए गए थे. लेकिन इस आदेश पर आज तक अमल नहीं किया गया, बल्कि गेंदालाल को उसी पद पर बैठाकर रखा गया, जिससे वह लगातार भ्रष्टाचार करता रहा. गेंदालाल पर 3 करोड़ रुपये से ज्यादा के भ्रष्टाचार के आरोप हैं.