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निगम प्रशासक ने फिजूलखर्ची पर लगाई रोक, अब हर माह 1 करोड़ रूपए बचा रहा नगर निगम

जबलपुर नगर निगम ने अपनी आर्थिक स्थिति को खराब होता देख फिजूलखर्ची पर रोक लगाई थी. जिसके बाद निगम ने कटौती करते हुए करीब 25 से 30 फीसदी बजट बचाया है.

Jabalpur Municipal Corporation ban on wasteful expenditure
निगम प्रशासक ने फिजूलखर्ची पर लगाई रोक
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Published : Jun 29, 2020, 3:12 PM IST

जबलपुर। नगर निगम में लगातार टैक्स वसूली में आ रही गिरावट से निगम की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. लिहाजा दिन प्रतिदिन खराब होती नगर निगम की स्थिति को देखते हुए अब निगम प्रशासक ने कर्मचारियों-अधिकारियों की गैर जरूरी सुविधाओं में कटौती करने के निर्देश दिए हैं.

महेश चंद्र चौधरी, निगम प्रशासक
निगम प्रशासक महेशचंद्र चौधरी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि इन दिनों नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब चल रही है. ऐसे में वित्तीय हालात को देखते हुए निगम में की जा रही अनावश्यक खर्चों में कटौती की गई है. वो प्राइवेट वाहन जिनकी आवश्यकता नगर निगम में नहीं थी, उन वाहनों को अलग कर दिया गया है.

इसके अलावा सप्लाई में भी कमी की गई है. निगम प्रशासक ने सभी वस्तुओं में कटौती करते हुए, करीब 25 से 30 फीसदी बजट बचाया है. ऐसे में अब रिजल्ट ये निकला है कि नगर निगम ने एक माह में एक करोड़ रुपए की बचत की है. संभाग कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी की माने तो आगे भी निगम कमिश्नर को निर्देश दिए गए हैं कि वो फिजूलखर्ची पर रोक लगाए रखें. उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक जो फिजूल में रूपयों की बर्बादी हो रही थी, अब उन पैसों को निर्माण और विकास के काम में लगाया जाएगा. जिससे कि जबलपुर शहर और अच्छा बन सके.

निगम प्रशासक ने इन चीजों में की है कटौती

  • निगम में लगे सैकड़ों प्राइवेट वाहनों को निगम प्रशासक ने हटा दिया है
  • तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी प्राइवेट वाहनों का जो उपयोग करते थे, उन्हें भी हटा दिया गया है
  • फिजूल की सप्लाई को भी पूरी तरह से नगर निगम में बंद कर दिया गया है
  • निजी सुरक्षाकर्मी जिनकी संख्या करीब 100 से ज्यादा थी उनको भी निगम प्रशासक ने हटा दिया है
  • निगम में तैनात प्राइवेट कर्मचारियों को भी अलग कर दिया गया है, इन कर्मचारियों को निगम वेतन के नाम पर लाखों रुपए देता था
  • कटौती के बाद अब जबलपुर नगर निगम हर माह एक करोड़ रूपए की बचत कर रहा है.

जबलपुर। नगर निगम में लगातार टैक्स वसूली में आ रही गिरावट से निगम की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. लिहाजा दिन प्रतिदिन खराब होती नगर निगम की स्थिति को देखते हुए अब निगम प्रशासक ने कर्मचारियों-अधिकारियों की गैर जरूरी सुविधाओं में कटौती करने के निर्देश दिए हैं.

महेश चंद्र चौधरी, निगम प्रशासक
निगम प्रशासक महेशचंद्र चौधरी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि इन दिनों नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब चल रही है. ऐसे में वित्तीय हालात को देखते हुए निगम में की जा रही अनावश्यक खर्चों में कटौती की गई है. वो प्राइवेट वाहन जिनकी आवश्यकता नगर निगम में नहीं थी, उन वाहनों को अलग कर दिया गया है.

इसके अलावा सप्लाई में भी कमी की गई है. निगम प्रशासक ने सभी वस्तुओं में कटौती करते हुए, करीब 25 से 30 फीसदी बजट बचाया है. ऐसे में अब रिजल्ट ये निकला है कि नगर निगम ने एक माह में एक करोड़ रुपए की बचत की है. संभाग कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी की माने तो आगे भी निगम कमिश्नर को निर्देश दिए गए हैं कि वो फिजूलखर्ची पर रोक लगाए रखें. उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक जो फिजूल में रूपयों की बर्बादी हो रही थी, अब उन पैसों को निर्माण और विकास के काम में लगाया जाएगा. जिससे कि जबलपुर शहर और अच्छा बन सके.

निगम प्रशासक ने इन चीजों में की है कटौती

  • निगम में लगे सैकड़ों प्राइवेट वाहनों को निगम प्रशासक ने हटा दिया है
  • तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी प्राइवेट वाहनों का जो उपयोग करते थे, उन्हें भी हटा दिया गया है
  • फिजूल की सप्लाई को भी पूरी तरह से नगर निगम में बंद कर दिया गया है
  • निजी सुरक्षाकर्मी जिनकी संख्या करीब 100 से ज्यादा थी उनको भी निगम प्रशासक ने हटा दिया है
  • निगम में तैनात प्राइवेट कर्मचारियों को भी अलग कर दिया गया है, इन कर्मचारियों को निगम वेतन के नाम पर लाखों रुपए देता था
  • कटौती के बाद अब जबलपुर नगर निगम हर माह एक करोड़ रूपए की बचत कर रहा है.
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