जबलपुर। शहर में लोकायुक्त पुलिस ने कमिश्नर कार्यालय में कार्रवाई की. इस दौरान लोकायुक्त पुलिस ने कमिश्नर कार्यालय के बाबू को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. कमिश्नर कार्यालय के बाबू ने फरियादी से कमिश्नर कोर्ट में दो प्लॉट पर किए अतिक्रमण याचिका की सुनवाई का फैसला उसके पक्ष में कराने को लेकर पैसे मांगे थे. जिस पर लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए क्लर्क को गिरफ्तार कर लिया.
क्या है रिश्वतखोरी का पूरा मामलाः लोकायुक्त पुलिस से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार फरियादी अभिषेक पाठक ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की थी. शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसने अपने भाई के नाम से चौकी दाल में एक प्लॉट लिया. इस प्लॉट पर किसी ने अतिक्रमण कर लिया. अतिक्रमण के खिलाफ फरियादी ने तहसील कोर्ट में याचिका लगाई मगर यह खारिज हो गई. उसके बाद शिकायतकर्ता यह मामला लेकर SDM कोर्ट पहुंचा. एसडीएम कोर्ट में भी जब यह मामला खारिज हो गया, तब अभिषेक मामले को लेकर सिविल सूट लगाने के लिए जिला अदालत का रुख किया.
जिला कोर्ट ने ये मामला कमिश्नर कोर्ट में दाखिल करने के आदेश दिए. इस पर फरियादी ने प्लॉट पर किए अतिक्रमण के मामले को कमिश्नर कोर्ट में लगाया, लेकिन कमिश्नर कोर्ट ने न इस मामले पर फैसला सुनाया और ना ही इस मामले को खारिज किया.
फरियादी अभिषेक पाठक ने बताया, ''बीते दिनों उनकी मुलाकात कमिश्नर कार्यालय के बाबू महेंद्र मिश्रा से हुई. उसने फरियादी से कहा कि यदि वह इस मामले का फैसला अपने पक्ष में करवाना चाहते हैं तो 20 हजार रुपये लगेंगे. मामले को लेकर फरियादी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस में की. फरियादी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वरखोर बाबू को रिश्वत में लिए पैसों के साथ गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अब बाबू से पूछताछ कर रही है और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बाबू को किया गिरफ्तारः इस मामले को लेकर अधिकारी लोकायुक्त दिलीप झरबड़े ने बताया, ''फरियादी अभिषेक पाठक ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी कि उनके प्लॉट पर किसी ने अतिक्रमण कर लिया, जिसको लेकर कमिश्नर कोर्ट में याचिका लगाई है. इस पर बाबू ने अपने पक्ष में फैसला करवाने के लिए उससे 20 हजार की रिश्वत मांगी है. इस पर लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बाबू को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.