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MP High Court रोड किनारे व सार्वजनिक स्थलों पर बने अवैध धार्मिक स्थल नहीं हटाए, हाई कोर्ट नाराज, कार्रवाई के लिए तैयार रहें - हाई कोर्ट नाराज

जबलपुर में रोड किनारे व सार्वजनिक स्थलों पर अवैध रूप से बने धार्मिक स्थलों (Illegal religious places in public places) के मामलों को हाईकोर्ट ने काफी सख्ती से लिया है. चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने गुरुवार को आदेश के परिपालन के लिए समय प्रदान करने के आवेदन को खारिज कर दिया. युगलपीठ ने चेतावनी दी है कि अगली सुनवाई से पूर्व नये तथा बचे हुए अवैध धार्मिक स्थलों को नहीं हटाया गया तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें. याचिका पर अगली सुनवाई 2 जनवरी को निर्धारित की गयी है.

MP High Court
अवैध धार्मिक स्थल नहीं हटाए हाई कोर्ट नाराज
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Published : Dec 15, 2022, 6:50 PM IST

जबलपुर। शहर के सतना बिल्डिंग निवासी सतीश वर्मा की ओर से साल 2014 में उक्त अवमानना याचिका दायर की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर हाईकोर्ट ने भी साल 2018 में संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिये थे. इसके अलावा एक अन्य जनहित याचिका भी दायर की गयी थी. याचिकाओं पर पूर्व में संयुक्त रूप से हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि सार्वजनिक स्थलों व सड़क किनारे बने अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने के आदेश का पूर्णतः पालन नहीं किया गया है.

64 अवैध धार्मिक स्थल बाधक बने हैं : कोर्ट को बताया गया था कि रोड चौड़ीकरण, नाली निर्माण या फुटपाथ में 64 अवैध धार्मिक स्थल बाधक बने हुए हैं. जिला कलेक्टर राजनीति दवाब के कारण अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने से पीछे हट रहे हैं. कैंटोनमेंट और रेलवे और आर्मी एरिया के भी अवैध धार्मिक स्थल कलेक्टर जबलपुर की उदासीनता के कारण नहीं हटाए जा सके हैं. हटाये गये 11 अवैध धार्मिक स्थलों का पुनः निर्माण किया जा रहा है. सरकार की तरफ से पेश रिपोर्ट में बताया गया कि कोविड के कारण कार्रवाई रोक दी गयी थी, जिसे पुनः प्रारंभ किया जाएगा.

पुराने हटाए नहीं, नए और बन गए : युगलपीठ ने सरकार को कार्रवाई के लिए 4 सप्ताह का समय प्रदान किया था. याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतीश वर्मा ने बताया कि अवमानना याचिका 2014 से लंबित है और अभी तक सड़क किनारे और सरकारी जमीन पर बने मंदिर मजार हटाए नहीं जा सके हैं. कलेक्टर जबलपुर राजनैतिक दबाव में कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. पुराने हटाना तो दूर नए और बना दिए गए हैं. जिसकी शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं की जाती है. कुछ स्थानों पर फ्लाईओवर और चौराहों का विस्तारीकरण रुका पड़ा है. याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान कलेक्टर व निगमायुक्त की तरफ से तरफ से आदेश के परिपालन हेतु समय प्रदान करने आवेदन पेश किया गया, जिसे खारिज करते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा.

सार्वजनिक पार्क की जमीन पर मूर्ति लगाने का विरोध : सार्वजनिक पार्क की जमीन पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति लगाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायादीश रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 30 जनवरी को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता अनुराग हजारी की तरफ ने याचिका दायर की थी. इसके बाद समय सीमा में कार्रवाई नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की.

MP PSC एग्जाम पर हाईकोर्ट का आदेश, 6 माह में करवाएं नवीन सूची में चयनित अभ्यार्थियों की विशेष परीक्षा

नाबालिग से रेप मामले में आजीवन कारावास : अनूपपुर न्यायालय ने गेंदलाल उर्फ बुल्‍लू केवट निवासी ग्राम बैहाटोला थाना बिजुरी नाबालिग से रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई. प्रभारी जिला अभियोजन अधिकारी हेमन्‍त अग्रवाल ने बताया कि 29 जुलाई 2019 को फरियादी ने ने अथाना बिजुरी में शिकायत की थी. आरोपी ने झाड़- फूंक की ओट में नाबालिग से रेप किया था.

जबलपुर। शहर के सतना बिल्डिंग निवासी सतीश वर्मा की ओर से साल 2014 में उक्त अवमानना याचिका दायर की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर हाईकोर्ट ने भी साल 2018 में संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिये थे. इसके अलावा एक अन्य जनहित याचिका भी दायर की गयी थी. याचिकाओं पर पूर्व में संयुक्त रूप से हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि सार्वजनिक स्थलों व सड़क किनारे बने अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने के आदेश का पूर्णतः पालन नहीं किया गया है.

64 अवैध धार्मिक स्थल बाधक बने हैं : कोर्ट को बताया गया था कि रोड चौड़ीकरण, नाली निर्माण या फुटपाथ में 64 अवैध धार्मिक स्थल बाधक बने हुए हैं. जिला कलेक्टर राजनीति दवाब के कारण अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने से पीछे हट रहे हैं. कैंटोनमेंट और रेलवे और आर्मी एरिया के भी अवैध धार्मिक स्थल कलेक्टर जबलपुर की उदासीनता के कारण नहीं हटाए जा सके हैं. हटाये गये 11 अवैध धार्मिक स्थलों का पुनः निर्माण किया जा रहा है. सरकार की तरफ से पेश रिपोर्ट में बताया गया कि कोविड के कारण कार्रवाई रोक दी गयी थी, जिसे पुनः प्रारंभ किया जाएगा.

पुराने हटाए नहीं, नए और बन गए : युगलपीठ ने सरकार को कार्रवाई के लिए 4 सप्ताह का समय प्रदान किया था. याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतीश वर्मा ने बताया कि अवमानना याचिका 2014 से लंबित है और अभी तक सड़क किनारे और सरकारी जमीन पर बने मंदिर मजार हटाए नहीं जा सके हैं. कलेक्टर जबलपुर राजनैतिक दबाव में कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. पुराने हटाना तो दूर नए और बना दिए गए हैं. जिसकी शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं की जाती है. कुछ स्थानों पर फ्लाईओवर और चौराहों का विस्तारीकरण रुका पड़ा है. याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान कलेक्टर व निगमायुक्त की तरफ से तरफ से आदेश के परिपालन हेतु समय प्रदान करने आवेदन पेश किया गया, जिसे खारिज करते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा.

सार्वजनिक पार्क की जमीन पर मूर्ति लगाने का विरोध : सार्वजनिक पार्क की जमीन पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति लगाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायादीश रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 30 जनवरी को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता अनुराग हजारी की तरफ ने याचिका दायर की थी. इसके बाद समय सीमा में कार्रवाई नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की.

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