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शराब ठेकेदार और सरकार के बीच विवाद का मामला, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित - एमपी शराब विवाद सुनवाई

राज्य सरकार और शराब ठेकेदारों के बीच चल रहा विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. दोनों ही पक्षों ने अपनी दलीलें हाईकोर्ट के सामने पेश की हैं. इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है, अब कोर्ट को अपना फैसला सुनाना है, फिलहाल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है.

High Court
हाईकोर्ट
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Published : Jun 29, 2020, 9:05 PM IST

जबलपुर। लॉकडाउन के बीच शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच चल रहे विवाद में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. राज्य सरकार और शराब ठेकेदारों के बीच चल रहा विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. दोनों ही पक्षों ने अपनी दलीलें हाईकोर्ट के सामने पेश की हैं. इस मामले में की सुनवाई पूरी हो चुकी है, अब कोर्ट को अपना फैसला सुनाना है, फिलहाल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है.

हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

दरअसल कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन में शराब ठेकेदार दुकानों का संचालन सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए पहले सरकार से इन ठेकेदारों ने लाइसेंस फीस कम करने की मांग रखी है, जिस पर सरकार राजी नहीं हुई फिर मंत्रियों की एक कमेटी बनीं जिसमें शराब ठेकेदारों को ठेका छोड़ने या पुरानी ही परिस्थिति में ठेका चलाने की शर्त रखी गई.

वहीं कुछ लोग अभी भी पुरानी शर्तों पर शराब का कारोबार कर रहे हैं. अब इसमें शराब ठेकेदारों ने जो पैसा खर्च किया था उसमें सरकार के पास अमानत के रूप में जो रखा हुआ है, उस पर भी हाईकोर्ट फैसला सुनाएगा. हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते शराब के कारोबार में सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ा है, जिसके चलते शराब के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद नए ठेकों के जरिए शराब का राजस्व घाटा पूरा नहीं होगा.

जबलपुर। लॉकडाउन के बीच शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच चल रहे विवाद में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. राज्य सरकार और शराब ठेकेदारों के बीच चल रहा विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. दोनों ही पक्षों ने अपनी दलीलें हाईकोर्ट के सामने पेश की हैं. इस मामले में की सुनवाई पूरी हो चुकी है, अब कोर्ट को अपना फैसला सुनाना है, फिलहाल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है.

हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

दरअसल कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन में शराब ठेकेदार दुकानों का संचालन सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए पहले सरकार से इन ठेकेदारों ने लाइसेंस फीस कम करने की मांग रखी है, जिस पर सरकार राजी नहीं हुई फिर मंत्रियों की एक कमेटी बनीं जिसमें शराब ठेकेदारों को ठेका छोड़ने या पुरानी ही परिस्थिति में ठेका चलाने की शर्त रखी गई.

वहीं कुछ लोग अभी भी पुरानी शर्तों पर शराब का कारोबार कर रहे हैं. अब इसमें शराब ठेकेदारों ने जो पैसा खर्च किया था उसमें सरकार के पास अमानत के रूप में जो रखा हुआ है, उस पर भी हाईकोर्ट फैसला सुनाएगा. हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते शराब के कारोबार में सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ा है, जिसके चलते शराब के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद नए ठेकों के जरिए शराब का राजस्व घाटा पूरा नहीं होगा.

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