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एमपी के जिला अस्पतालों में नहीं लगी सीटी स्कैन मशीन, हाईकोर्ट ने जाहिर की चिंता, नोटिस जारी

प्रदेश के 9 जिलों के जिला अस्पतालों में टेंडर जारी किये जाने के बावजूद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाये जाने संबंधी मामले को हाईकोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस मोह. रफीक, जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने मामले में चिंता जाहिर कर कहा है कि कोरोना की तीसरी बेव आने की संभावना है, प्रदेश के जिलों में कब तक सीटी स्कैन मशीन लग जायेगी.हाईकोर्ट ने सरकार से नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा है.

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Published : May 25, 2021, 6:51 PM IST

अस्पतालों में नहीं लगी सीटी स्कैन मशीन, हाईकोर्ट ने जाहिर की चिंता
अस्पतालों में नहीं लगी सीटी स्कैन मशीन, हाईकोर्ट ने जाहिर की चिंता

जबलपुर। कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में टेंडर जारी किये जाने के बावजूद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाये जाने संबंधी मामले को हाईकोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस मो. रफीक, जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने मामले में चिंता जाहिर कर कहा है कि कोरोना की तीसरी बेव आने की संभावना है, प्रदेश के जिलों में कब तक सीटी स्कैन मशीन लग जायेगी, इस संबंध में सरकार विस्तृत जवाब दे. युगलपीठ ने उक्त निर्देश के साथ मामले की अगली सुनवाई 31 मई को निर्धारित की है

NSUI जिलाध्यक्ष दिव्यांशू ने दायर की थी याचिका
यह जनहित याचिका कटनी मुड़वारा के NSUI जिलाध्यक्ष दिव्यांशू उर्फ अंशु मिश्रा की ओर से दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि कटनी जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिये वर्ष 2017 में टेंडर निकाला गया था, वर्ष 2018 में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एण्ड सीटी स्कैन कंपनी को दिया गया था.संबंधित कंपनी को कटनी के साथ ही मण्डला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था, लेकिन कंपनी ने अब तक एक भी जिले में सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई है. जबकि याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई पर न्यायालय ने सभी जिलों में अप्रैल 2021 में मशीन स्थापित करने के निर्देश दिये थे. इसके अलावा लेट लतीफी के लिए दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई के निर्देश दिये थे.

5 महीने में सीटी स्कैन लगाने का किया था दावा

वहीं पूर्व में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश किये गये जवाब में कहा गया था कि दीनदयाल, आयुष्मान और बीपीएल कार्डधारियों के लिए फ्री सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है, और एपीएल के लिए 932 रुपये शुल्क लिया जा रहा है. मामले की पूर्व सुनवाई पर सरकार की ओर से कहा गया कि पांच जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गयी है, कोरोना की दूसरी लहर के कारण शेष चार जिलों में मशीन नहीं लगाई गयी है, इसके लिए दो माह का समय देने का आग्रह युगलपीठ से किया गया था, महाधिवक्ता ने युगलपीठ को बताया कि निमाड़ी जिले को छोडक़र प्रदेश के सभी 51 जिलों में आगामी पांच माह में सीटी स्कैन मशीन लगा दी जायेगी. याचिकाकर्ता दिव्यांशू ने आपत्ति करते हुए युगलपीठ को बताया कि सरकार द्वारा पूर्व में 19 जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका जारी किया गया था. जिसमें से सिर्फ अभी तक सिर्फ 14 जिलों में ही सीटी स्कैन मशीन लग पायी है. निर्धारित समय सीमा में प्रदेश के सभी जिलों पर सीटी स्कैन मशीन लगाये जाने की कोई गारंटी नहीं है. जिस पर न्यायालय ने उक्त निर्देश देते हुए सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.

जबलपुर। कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में टेंडर जारी किये जाने के बावजूद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाये जाने संबंधी मामले को हाईकोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस मो. रफीक, जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने मामले में चिंता जाहिर कर कहा है कि कोरोना की तीसरी बेव आने की संभावना है, प्रदेश के जिलों में कब तक सीटी स्कैन मशीन लग जायेगी, इस संबंध में सरकार विस्तृत जवाब दे. युगलपीठ ने उक्त निर्देश के साथ मामले की अगली सुनवाई 31 मई को निर्धारित की है

NSUI जिलाध्यक्ष दिव्यांशू ने दायर की थी याचिका
यह जनहित याचिका कटनी मुड़वारा के NSUI जिलाध्यक्ष दिव्यांशू उर्फ अंशु मिश्रा की ओर से दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि कटनी जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिये वर्ष 2017 में टेंडर निकाला गया था, वर्ष 2018 में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एण्ड सीटी स्कैन कंपनी को दिया गया था.संबंधित कंपनी को कटनी के साथ ही मण्डला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था, लेकिन कंपनी ने अब तक एक भी जिले में सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई है. जबकि याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई पर न्यायालय ने सभी जिलों में अप्रैल 2021 में मशीन स्थापित करने के निर्देश दिये थे. इसके अलावा लेट लतीफी के लिए दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई के निर्देश दिये थे.

5 महीने में सीटी स्कैन लगाने का किया था दावा

वहीं पूर्व में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश किये गये जवाब में कहा गया था कि दीनदयाल, आयुष्मान और बीपीएल कार्डधारियों के लिए फ्री सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है, और एपीएल के लिए 932 रुपये शुल्क लिया जा रहा है. मामले की पूर्व सुनवाई पर सरकार की ओर से कहा गया कि पांच जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गयी है, कोरोना की दूसरी लहर के कारण शेष चार जिलों में मशीन नहीं लगाई गयी है, इसके लिए दो माह का समय देने का आग्रह युगलपीठ से किया गया था, महाधिवक्ता ने युगलपीठ को बताया कि निमाड़ी जिले को छोडक़र प्रदेश के सभी 51 जिलों में आगामी पांच माह में सीटी स्कैन मशीन लगा दी जायेगी. याचिकाकर्ता दिव्यांशू ने आपत्ति करते हुए युगलपीठ को बताया कि सरकार द्वारा पूर्व में 19 जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका जारी किया गया था. जिसमें से सिर्फ अभी तक सिर्फ 14 जिलों में ही सीटी स्कैन मशीन लग पायी है. निर्धारित समय सीमा में प्रदेश के सभी जिलों पर सीटी स्कैन मशीन लगाये जाने की कोई गारंटी नहीं है. जिस पर न्यायालय ने उक्त निर्देश देते हुए सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.

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