जबलपुर। सरकारी अस्पताल का जिक्र आते ही दिमाग में अव्यवस्थाओं, जगह जगह कूड़े के ढेर और पान गुटके की पीक से सनी गंदी दीवारों की तस्वीरें उभरने लगती है, लेकिन जबलपुर के चरगवां इलाके के एक अस्पताल की चर्चा इन दिनों हर किसी की जुबां पर है. जबलपुर के एक गांव में इस सरकारी अस्पताल को देख आप भी हैरान हो जाएंगे, क्योंकि न तो यहां गंदगी आपको दिखाई देगी और न ही व्यवस्थाओं में कोई कमी. (jabalpur government hospital good condition)
सुविधाओं से लैस अस्पताल: चरगवां के धरमपुरा गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र को कुछ इस तरह संवारा गया है कि, देखने वालों की नजरें इस केंद्र की दीवारों पर टिक जाती है. किसी को भी यकीन नहीं होता कि कभी बदहाल सा दिखने वाला ये उप स्वास्थ्य केंद्र अब किसी नर्सरी या प्ले स्कूल से कम आकर्षक नहीं है. धरमपुरा के उप स्वास्थ्य केंद्र में इलाज की सारी व्यवस्थाएं तो की ही गई है, साथ ही उप स्वास्थ्य केंद्र के अंदर और बाहर सुंदर रंगों से रंग रोगन किया गया है. इसके साथ ही आकर्षक चित्रकारी, लोगों को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के लिए स्लोगन भी दीवारों पर लिखे गए हैं. इसके अलावा स्वच्छता का इतना खास ख्याल रखा गया है कि यहां बायोवेस्ट के अलावा गीले और सूखे कचरे को अलग से रखने के लिए डस्टबिन भी अलग-अलग रंगों के रखे गए हैं. (jabalpur hospital best facilities)
24 घंटे मौजूद रहते स्वास्थ्यकर्मी: आरोग्यम उप स्वास्थ्य केंद्र की बाहरी झलक जितनी आकर्षक है अंदर की व्यवस्थाएं भी उतनी ही दुरुस्त है. यहां ग्रामीणों के इलाज पर जहां खास ध्यान रखा जाता है, तो वहीं 24 घंटे अस्पताल में स्टाफ की भी तैनाती रहती है. धरमपुरा का यह उप स्वास्थ्य केंद्र करीब 5000 की आबादी को कवर करता है. धरमपुरा और उससे लगे हुए गांव के ग्रामीणों को जब भी कोई तकलीफ होती है तो वे सीधे यहीं का रुख करते हैं. सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्थाएं किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में जबलपुर से 30 किलोमीटर दूर चरगवां के धरमपुरा का यह उप स्वास्थ्य केंद्र सुविधा और राहत का दूसरा नाम बन गया है. धरमपुरा के उप स्वास्थ्य केंद्र को देखकर यह कहा जा सकता है कि मजबूत इच्छाशक्ति हो तो सरकारी सेवाओं को सुगम और जन उपयोगी बनाना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है. (jabalpur government hospital good condition)