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Jabalpur Farming: किसानों के लिए आया बीज अमृत, खेती में मिलेगा दोहरा फायदा

मध्यप्रदेश के जबलपुर में किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है. अब उन्हें ज्यादा फसल के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में किसानों के लिए बीज अमृत इजात किया गया है. यह फसलों के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरक क्षमता को भी बढ़ाता है.

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किसानों के लिए आया बीज अमृत, खेती में मिलेगा दोहरा फायदा
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Published : Feb 22, 2023, 10:12 PM IST

किसानों के लिए आया बीज अमृत, खेती में मिलेगा दोहरा फायदा

जबलपुर। मध्यप्रदेश में किसानों की लागत कम और आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में किसानों के लिए बीज अमृत का इजात किया गया है. यह खेत की जमीन की उर्वरक क्षमता तो बढ़ाएगा ही साथ ही फसलों के लिए अमृत का काम करेगा..इस पर पेश है.. ETV भारत की एक खास रिपोर्ट.

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किसान अपने घर में बना सकता है बीज अमृतः कम समय में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन की होड़ में आज किसान खेतों में जबरदस्त रासायनिक खादों का इस्तेमाल कर रहा है. जिसकी वजह से फसलों पर तो फर्क पड़ ही रहा है. मिट्टी की उर्वरा क्षमता भी कम होती जा रही है. इसे दूर करने के लिए जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ने एक ऐसा कीटनाशक को बनाया है जो किसानों के लिए बीज अमृत का काम करेगा. सबसे खास बात तो यह है कि इस कीटनाशक को किसान को बाजार से खरीदने की जरूरत नहीं है. इसे किसान घर में ही आसानी से बना सकता है. बीज अमृत को बनाने वाले कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार गुप्ता का कहना है कि किसान अपने खेत में गाय के ताजे गोबर, गुड़, बेसन और बरगद के पेड़ के मिट्टी को मिलाकर उसे एक ड्रम में रख ले और फिर कुछ दिनों बाद छानकर इसे अपने खेत में छिड़क दें.

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फसल में कीड़ों पर भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैंः कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि महज 1 लीटर पानी में मिलाकर खेत में डालने से खेत की उर्वरा क्षमता बढ़ेगी. इसके साथ ही फसल में कीड़े लगने पर भी इस बीज अमृत का इस्तेमाल फसलों पर भी किया जा सकता है. कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि बीज अमृत पर पहले प्रयोगशाला में सफल प्रयोग किया गया. गाय के गोबर में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो मिट्टी की उर्वरा क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं. इसके साथ-साथ गुड़, बेसन और बरगद के पेड़ की मिट्टी में भी खेतों के लिए फायदेमंद तत्व पाए जाते है. बीज अमृत का इस्तेमाल करने से मिट्टी में माइक्रोबियल पॉपुलेशन बढ़ जाती है. जिसके चलते खेत की मिट्टी में अगर फसल लगाने से पहले बीज अमृत डाल दिया जाए तो फसल के लिए बेहद फायदेमंद होता है. कुल मिलाकर कहा जाए तो रासायनिक खाद में किसान जितना खर्च करता है उसका महज एक फीसदी खर्च करके वह अपने खेत पर ही बीज अमृत बना सकता है. जिसके इस्तेमाल से खेत की उर्वरा क्षमता तो बढ़ेगी ही रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकता है.

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किसान अपने घर में बना सकता है बीज अमृतः कम समय में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन की होड़ में आज किसान खेतों में जबरदस्त रासायनिक खादों का इस्तेमाल कर रहा है. जिसकी वजह से फसलों पर तो फर्क पड़ ही रहा है. मिट्टी की उर्वरा क्षमता भी कम होती जा रही है. इसे दूर करने के लिए जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ने एक ऐसा कीटनाशक को बनाया है जो किसानों के लिए बीज अमृत का काम करेगा. सबसे खास बात तो यह है कि इस कीटनाशक को किसान को बाजार से खरीदने की जरूरत नहीं है. इसे किसान घर में ही आसानी से बना सकता है. बीज अमृत को बनाने वाले कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार गुप्ता का कहना है कि किसान अपने खेत में गाय के ताजे गोबर, गुड़, बेसन और बरगद के पेड़ के मिट्टी को मिलाकर उसे एक ड्रम में रख ले और फिर कुछ दिनों बाद छानकर इसे अपने खेत में छिड़क दें.

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फसल में कीड़ों पर भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैंः कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि महज 1 लीटर पानी में मिलाकर खेत में डालने से खेत की उर्वरा क्षमता बढ़ेगी. इसके साथ ही फसल में कीड़े लगने पर भी इस बीज अमृत का इस्तेमाल फसलों पर भी किया जा सकता है. कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि बीज अमृत पर पहले प्रयोगशाला में सफल प्रयोग किया गया. गाय के गोबर में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो मिट्टी की उर्वरा क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं. इसके साथ-साथ गुड़, बेसन और बरगद के पेड़ की मिट्टी में भी खेतों के लिए फायदेमंद तत्व पाए जाते है. बीज अमृत का इस्तेमाल करने से मिट्टी में माइक्रोबियल पॉपुलेशन बढ़ जाती है. जिसके चलते खेत की मिट्टी में अगर फसल लगाने से पहले बीज अमृत डाल दिया जाए तो फसल के लिए बेहद फायदेमंद होता है. कुल मिलाकर कहा जाए तो रासायनिक खाद में किसान जितना खर्च करता है उसका महज एक फीसदी खर्च करके वह अपने खेत पर ही बीज अमृत बना सकता है. जिसके इस्तेमाल से खेत की उर्वरा क्षमता तो बढ़ेगी ही रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकता है.

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