जबलपुर। जिला न्यायालय के अधिवक्ता दूसरे दिन भी मंगलवार को अदालतों में हाजिर नहीं हुए. पिछले 2 दिनों से प्रतिवाद दिवस मना रहे अधिवक्ता जिला अदालत तो पहुंचे, लेकिन न्यायिक काम में शामिल नहीं हुए. दरअसल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के द्वारा 3 माह में 25 प्रकरणों के निराकरण की अनिवार्यता लागू की गई है. इसके बाद अधिवक्ता इस पर लगातार ऐतराज जता रहे हैं. जिला न्यायालय के अधिवक्ताओं का कहना है कि इसकी वजह से हम और पक्षकार चिंतित हैं. इससे काम की वैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं होगा.
अधिवक्ताओं के विरोध प्रदर्शन से सुनवाई नहीं हुई: जिला अदालत में पेशी के लिए पहुंची सायरा बानो का कहना है कि विगत 2 सालों से बेटी का केस लड़ रहीं हूं. इसकी आज सुनवाई होनी थी लेकिन अधिवक्ताओं द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के चलते उन्हें कोर्ट में जाने नहीं दिया गया. सायरा बानो का कहना है कि उनके पास पूर्ण सबूत होने के बावजूद भी वह कोर्ट के चक्कर काट रही है. बेटियों के केस में अदालत को जल्दी फैसला दे देना चाहिए जिससे उन्हें आने वाली परेशानियों का सामना न करना पड़े.
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25 प्रकरणों के निराकरण की अनिवार्यता लागू से परेशानी: अधिवक्ताओं ने साफ तौर पर कहा कि अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो वे कामकाज से विरत रहने के फैसले को आगे बढ़ाएंगे. आने वाले दिनों में भी अदालतों में अधिवक्ता हाजिर नहीं होंगे. 2 दिनों से जिला अधिवक्ताओं के न्यायिक काम से विरत रहने से जिला अदालतों में सुनवाई नहीं हो पा रही है.