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सामान्य वर्ग के छात्रों को नहीं मिल रहा आरक्षण,कोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को आरक्षण न मिलने के मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र, राज्य सरकार सहित 20 निजी कॉलेजों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जबलपुर कोर्ट
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Published : Jul 30, 2019, 6:35 PM IST

जबलपुर। संविधान में संशोधन और आरक्षण लागू होने के बाद भी सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है. इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एमसीआई,डीएमई और प्रदेश के 20 निजी मेडिकल व डेन्टल कॉलेजों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.


केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को दस प्रतिशत का आरक्षण देने का प्रावधान किया है. इस मामले में संविधान में संशोधन भी हो गया है और यह आरक्षण लागू भी हो गया है. इसके बावजूद मध्यप्रदेश में निजी मेडिकल कॉलेजों बीडीएस और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में सामान्य वर्ग के ग़रीब छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं दे रहे हैं.

कोर्ट ने मांगा जवाब


सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को निजी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिल रहा है. इस मामले में सवर्ण छात्रों की ओर से जबलपुर के एक पत्रकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एमसीआई, डीएमई और प्रदेश के 20 निजी मेडिकल व डेन्टल कॉलेजों को नोटिस जारी किया है. चार हफ्ते मैं जवाब मांगा है. बता दें हाईकोर्ट ने पूछा है कि निजी मेडिकल कॉलेजों ने काउंसलिंग में सामान्य वर्ग के दस प्रतिशत ग़रीब छात्रों को क्यों नहीं दिया गया.

जबलपुर। संविधान में संशोधन और आरक्षण लागू होने के बाद भी सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है. इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एमसीआई,डीएमई और प्रदेश के 20 निजी मेडिकल व डेन्टल कॉलेजों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.


केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को दस प्रतिशत का आरक्षण देने का प्रावधान किया है. इस मामले में संविधान में संशोधन भी हो गया है और यह आरक्षण लागू भी हो गया है. इसके बावजूद मध्यप्रदेश में निजी मेडिकल कॉलेजों बीडीएस और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में सामान्य वर्ग के ग़रीब छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं दे रहे हैं.

कोर्ट ने मांगा जवाब


सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को निजी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिल रहा है. इस मामले में सवर्ण छात्रों की ओर से जबलपुर के एक पत्रकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एमसीआई, डीएमई और प्रदेश के 20 निजी मेडिकल व डेन्टल कॉलेजों को नोटिस जारी किया है. चार हफ्ते मैं जवाब मांगा है. बता दें हाईकोर्ट ने पूछा है कि निजी मेडिकल कॉलेजों ने काउंसलिंग में सामान्य वर्ग के दस प्रतिशत ग़रीब छात्रों को क्यों नहीं दिया गया.

Intro:निजी मेडिकल कॉलेज नहीं मान रहे केंद्र सरकार की अनुशंसा सवर्ण गरीबों को नहीं दिया गया 10% आरक्षण का लाभ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में लगी चुनाव याचिका निजी मेडिकल कॉलेज और सरकार से मांगा जवाबBody:जबलपुर- केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को 10% का आरक्षण देने की प्रावधान किया है इस मामले में संविधान में संशोधन भी हो गया है और यह आरक्षण लागू भी हो गया है लेकिन इसके बावजूद मध्यप्रदेश में निजी मेडिकल कालेजों बीडीएस और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में सामान्य वर्ग के ग़रीब छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं दे रहे हैं और सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को निजी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिला

इसी मुद्दे पर सवर्ण छात्रों की ओर से जबलपुर के एक पत्रकार ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी आज इस याचिका की सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एमसीआई, डीएमई व प्रदेश के 20 निजी मेडिकल व डेन्टल कॉलेजों को नोटिस जारी किया है और...4 हफ्ते मैं जवाब मांगा है.. हाईकोर्ट ने पूछा है कि . निजी मेडिकल कॉलेजों ने काउंसलिंग में.
सामान्य वर्ग के 10 प्रतिशत ग़रीब छात्रों को क्यों नही दिया गया .Conclusion:बाइट ब्रह्मानंद मिश्रा एडवोकेट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट
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