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Jabalpur Butterfly Month: जबलपुर के आसपास पाई जाती है ओरिएंटल रेड आई बटरफ्लाई, प्रकृति प्रेमियों ने खोजी 127 किस्म की तितलियां

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 5, 2023, 5:57 PM IST

Updated : Sep 5, 2023, 6:19 PM IST

प्रकृति गजब की कलाकार है. इसकी कलाकारी सबसे ज्यादा फूलों में देखने को मिलती है. लेकिन फूलों से भी ज्यादा बेहतरीन रंग और आकृतियां तितलियां में देखने को मिलती है. लोगों को यह आकृतियां लुभाती हैं, लेकिन शोध का विषय यह भी है कि आखिर तितलियां इतनी सुंदर आकृतियां कैसे बनाती हैं. क्या इसके पीछे केवल प्रकृति है या फिर कोई वैज्ञानिक तथ्य भी है. आइए यहां जानते हैं...

Jabalpur Butterfly Month
जबलपुर बटरफ्लाई मंथ
प्रकृति प्रेमी ने क्या बोला

जबलपुर। सिटीजंस फॉर नेचर नाम के एक संगठन ने एक अनोखी मुहिम शुरू की है, जिसे बटरफ्लाई वॉक का नाम दिया गया है. इस संगठन में प्रकृति प्रेमियों की टोली है. इसमें शहर की कुछ नामी डॉक्टर, वन्य प्राणी विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और आम प्रकृति प्रेमी शामिल हैं. यह सभी लोग जबलपुर के आसपास के जंगलों में कैमरे लेकर निकल जाते हैं और हमारे आसपास के वन्य जीवन के साथ ही जैव विविधता की बेहतरीन फोटोग्राफी करते हैं. इन लोगों ने सैकड़ों किस्म की तितलियां खोजी हैं, जो पहले हमारे आसपास होती थीं. अब उड़कर जंगलों में चली गई हैं.

Jabalpur Butterfly Month
तितलियों की खूबसूरती का अलग अंदाज

नायाब तितलियां भी पाई गईं: इसी ग्रुप के एक सदस्य डॉ. विजय यादव ने बताया कि "भारत में मध्य भारत का इलाका जो नर्मदा किनारे है वह जैव विविधता से भरा हुआ है और इसमें उत्तर भारत और दक्षिण भारत से अलग विशेष किस्म की जैव विविधता देखने को मिलती है. यहां गर्मियों के पेड़-पौधे भी हैं, ठंड के पेड़ पौधे भी हैं. इसके साथ यहां मॉनसूनी पेड़-पौधे भी बहुत ज्यादा हैं. मतलब तीनों मौसम से जुड़े हुए पेड़-पौधों की सैकड़ों प्रजातियां यहां हैं. इसकी वजह से यहां कीट पतंग की भी कई प्रजातियां पाई जाती हैं."

Jabalpur Butterfly Month
पत्ते पर बैठती तितली

उन्होंने बताया कि "प्रकृति प्रेमियों ने यहां अब तक 127 से ज्यादा प्रजाति की तितलियों को चिह्नित किया है जो जबलपुर के आसपास पाई जाती हैं. इनमें कुछ ऐसी तितलियां भी हैं जिन्हें कभी-कभार ही देखा जाता है. इनमें ओरिएंटल रेड आई नाम की एक तितली है जिसकी आंखें लाल होती है. इसके अलावा कॉमन लाइम, कॉमन बैंडेड रेड आई, ट्राई कलर पाइड फ्लैट, कॉमन ग्रास येलो, जेब्रा ब्लू, कॉमन एमिग्रेंट, ग्रे पेंसी, प्लेन टाइगर, स्ट्राइप्ड टाइगर, क्रिमसन रोज, स्मॉल ग्रास, येलो प्लेन क्यूपिड नाम की तितलियां भी पाई गई है."

Jabalpur Butterfly Month
तितली की खूबसूरती
तितली का पाया जाना अच्छे पर्यावरण का संकेत: डॉ. विजय यादव का कहना है कि " तितली का पाया जाना अच्छे वातावरण का सूचकांक माना जाता है. क्योंकि तितली का जीवन चक्र पेड़ पौधों के इर्द-गिर्द होता है और कई तितलियां ऐसी हैं जो विशेष पेड़ों के आसपास ही पाई जाती हैं. उन्हीं को खाती हैं उन्हीं के पास अंडे देती हैं वहीं उनका परिवार तैयार होता है. यदि वे पौधे नहीं रहेंगे तो वह तितली भी नहीं रहेगी और जबलपुर में इतनी अधिक तादाद में तितलियों का पाया जाना इस बात का संकेत देता है कि यहां पर अभी भी जैव विविधता है."
Jabalpur Butterfly Month
फूलों पर तितली

उन्होंने बताया कि "प्रकृति प्रेमियों की इस संस्था को यह सूचना है कि आजकल के बच्चे और लोग अपनी आसपास की प्रकृति को महसूस नहीं कर रहे हैं. इसलिए वे अगले एक महीने तक कई नेचर वॉक करेंगे, जिसमें लोगों को अपने आसपास के वातावरण की जानकारी देंगे. इसी के तहत अगले रविवार को जबलपुर के नारे नाले के पास के जंगल में तितलियों की प्रजातियों को खोजने के लिए बटरफ्लाई वॉक की जाएगी."

Jabalpur Butterfly Month
पत्तों के बीच तितली

यहां पढ़ें...

पूरा प्रयास केवल शौक के लिए: इन प्रकृति प्रेमियों के पास केवल तितलियों की ही नहीं बल्कि, जबलपुर के आसपास पाए जाने वाले कई जंगली जानवरों के नये फोटोग्राफ और उनसे जुड़ी ऐसी जानकारियां हैं, जिसमें कुछ विलुप्त प्रजाति के जानवर भी हमारे आसपास के जंगल में पाए जा रहे हैं. लेकिन इन लोगों का कहना है कि यदि सभी को सार्वजनिक कर दिया तो आम आदमी इन पशु पक्षियों के जीवन में दखलअंदाजी शुरू कर देंगे. जिससे उनके जीवन पर संकट खड़ा हो सकता है. इसलिए इन तक वही लोग पहुंचें जिसे इनकी जानकारी है. अच्छी बात यह है कि इस पूरी कोशिश में सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है, बल्कि यह इन लोगों का मिला-जुला सामाजिक प्रयास है.

Jabalpur Butterfly Month
प्रकृति प्रेमी तितली

प्रकृति प्रेमी ने क्या बोला

जबलपुर। सिटीजंस फॉर नेचर नाम के एक संगठन ने एक अनोखी मुहिम शुरू की है, जिसे बटरफ्लाई वॉक का नाम दिया गया है. इस संगठन में प्रकृति प्रेमियों की टोली है. इसमें शहर की कुछ नामी डॉक्टर, वन्य प्राणी विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और आम प्रकृति प्रेमी शामिल हैं. यह सभी लोग जबलपुर के आसपास के जंगलों में कैमरे लेकर निकल जाते हैं और हमारे आसपास के वन्य जीवन के साथ ही जैव विविधता की बेहतरीन फोटोग्राफी करते हैं. इन लोगों ने सैकड़ों किस्म की तितलियां खोजी हैं, जो पहले हमारे आसपास होती थीं. अब उड़कर जंगलों में चली गई हैं.

Jabalpur Butterfly Month
तितलियों की खूबसूरती का अलग अंदाज

नायाब तितलियां भी पाई गईं: इसी ग्रुप के एक सदस्य डॉ. विजय यादव ने बताया कि "भारत में मध्य भारत का इलाका जो नर्मदा किनारे है वह जैव विविधता से भरा हुआ है और इसमें उत्तर भारत और दक्षिण भारत से अलग विशेष किस्म की जैव विविधता देखने को मिलती है. यहां गर्मियों के पेड़-पौधे भी हैं, ठंड के पेड़ पौधे भी हैं. इसके साथ यहां मॉनसूनी पेड़-पौधे भी बहुत ज्यादा हैं. मतलब तीनों मौसम से जुड़े हुए पेड़-पौधों की सैकड़ों प्रजातियां यहां हैं. इसकी वजह से यहां कीट पतंग की भी कई प्रजातियां पाई जाती हैं."

Jabalpur Butterfly Month
पत्ते पर बैठती तितली

उन्होंने बताया कि "प्रकृति प्रेमियों ने यहां अब तक 127 से ज्यादा प्रजाति की तितलियों को चिह्नित किया है जो जबलपुर के आसपास पाई जाती हैं. इनमें कुछ ऐसी तितलियां भी हैं जिन्हें कभी-कभार ही देखा जाता है. इनमें ओरिएंटल रेड आई नाम की एक तितली है जिसकी आंखें लाल होती है. इसके अलावा कॉमन लाइम, कॉमन बैंडेड रेड आई, ट्राई कलर पाइड फ्लैट, कॉमन ग्रास येलो, जेब्रा ब्लू, कॉमन एमिग्रेंट, ग्रे पेंसी, प्लेन टाइगर, स्ट्राइप्ड टाइगर, क्रिमसन रोज, स्मॉल ग्रास, येलो प्लेन क्यूपिड नाम की तितलियां भी पाई गई है."

Jabalpur Butterfly Month
तितली की खूबसूरती
तितली का पाया जाना अच्छे पर्यावरण का संकेत: डॉ. विजय यादव का कहना है कि " तितली का पाया जाना अच्छे वातावरण का सूचकांक माना जाता है. क्योंकि तितली का जीवन चक्र पेड़ पौधों के इर्द-गिर्द होता है और कई तितलियां ऐसी हैं जो विशेष पेड़ों के आसपास ही पाई जाती हैं. उन्हीं को खाती हैं उन्हीं के पास अंडे देती हैं वहीं उनका परिवार तैयार होता है. यदि वे पौधे नहीं रहेंगे तो वह तितली भी नहीं रहेगी और जबलपुर में इतनी अधिक तादाद में तितलियों का पाया जाना इस बात का संकेत देता है कि यहां पर अभी भी जैव विविधता है."
Jabalpur Butterfly Month
फूलों पर तितली

उन्होंने बताया कि "प्रकृति प्रेमियों की इस संस्था को यह सूचना है कि आजकल के बच्चे और लोग अपनी आसपास की प्रकृति को महसूस नहीं कर रहे हैं. इसलिए वे अगले एक महीने तक कई नेचर वॉक करेंगे, जिसमें लोगों को अपने आसपास के वातावरण की जानकारी देंगे. इसी के तहत अगले रविवार को जबलपुर के नारे नाले के पास के जंगल में तितलियों की प्रजातियों को खोजने के लिए बटरफ्लाई वॉक की जाएगी."

Jabalpur Butterfly Month
पत्तों के बीच तितली

यहां पढ़ें...

पूरा प्रयास केवल शौक के लिए: इन प्रकृति प्रेमियों के पास केवल तितलियों की ही नहीं बल्कि, जबलपुर के आसपास पाए जाने वाले कई जंगली जानवरों के नये फोटोग्राफ और उनसे जुड़ी ऐसी जानकारियां हैं, जिसमें कुछ विलुप्त प्रजाति के जानवर भी हमारे आसपास के जंगल में पाए जा रहे हैं. लेकिन इन लोगों का कहना है कि यदि सभी को सार्वजनिक कर दिया तो आम आदमी इन पशु पक्षियों के जीवन में दखलअंदाजी शुरू कर देंगे. जिससे उनके जीवन पर संकट खड़ा हो सकता है. इसलिए इन तक वही लोग पहुंचें जिसे इनकी जानकारी है. अच्छी बात यह है कि इस पूरी कोशिश में सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है, बल्कि यह इन लोगों का मिला-जुला सामाजिक प्रयास है.

Jabalpur Butterfly Month
प्रकृति प्रेमी तितली
Last Updated : Sep 5, 2023, 6:19 PM IST
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