जबलपुर। महाराष्ट्र से जबलपुर आईं भारतीय जनता पार्टी की विधायक श्वेता महाले पाटिल के सामने पार्टी की रानी दुर्गावती मंडल के अध्यक्ष और महामंत्री आपस में लड़ गए. दरअसल जबलपुर की पश्चिम विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की रायशुमारी चल रही थी. इसी दौरान भाजपा विधायक श्वेता महाले पाटिल सभी नेताओं से एक-एक कर कर बातचीत कर रही थीं. लेकिन इसी दौरान राजकुमार चौधरी को बोलने का मौका नहीं दिया गया और यह बातचीत खत्म हो गई. इस बात पर राजकुमार चौधरी गुस्सा हो गए. वह जबरन अपनी बात रखने के लिए पाटिल के सामने आकर खड़ा हो गए.
एक नेता ने दूसरे को धक्का दिया : प्रवासी विधायक के सामने खड़े भाजपा नेता को हटाने के लिए इसी इलाके के मंडल अध्यक्ष अतुल चौरसिया सामने आए और उन्होंने राजकुमार चौधरी को धक्का दे दिया. इसके बाद दोनों में झूमाझटकी शुरू हो गई. यह कार्यक्रम अतुल चौरसिया की होटल में चल रहा था. अतुल चौरसिया का कहना है कि राजकुमार चौधरी को पहले ही पार्टी निष्कासित कर चुकी है. आरोप है कि इसके बाद भी वह जबरन कार्यक्रम में पहुंचे. इसलिए बोलने का मौका नहीं दिया गया. जबकि राजकुमार चौधरी का कहना था कि ऐसा नहीं है. पार्टी के नेता कड़वी सच्चाई सुनने से डर रहे हैं. इसलिए मौका नहीं दिया. राजकुमार चौधरी का कहना है कि उन्हें पार्टी से नहीं निकल गया. वह अभी भी पार्टी की मंडल महामंत्री हैं.
टिकट का फैसला मुश्किल : अतुल चौरसिया और राजकुमार चौधरी छोटे नेता हैं. दरअसल जबलपुर की पश्चिम विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांगने वाले दावेदारों की संख्या बहुत अधिक है और सभी मजबूत प्रत्याशी हैं. इसमें जबलपुर नगर भाजपा अध्यक्ष प्रभात साहू, वेद प्रकाश शर्मा, पूर्व मंत्री व विधायक हरेंद्र जीत सिंह बब्बू और भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे हैं. इसलिए सभी की कोशिश यह है कि प्रवासी विधायक के सामने बात रखी जाए और बात रखने के लिए छोटे पदाधिकारी के माध्यम से बात पहुंचानी है. इसी चक्कर में मामला झगड़ा तक पहुंच गया.