जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर भिटौनी रेलवे स्टेशन से पेट्रोलियम कंपनी की रेलवे साइडिंग से लाखों रुपए की रेल पटरी चोरी हो गई. पुलिस के मुताबिक यह सनसनीखेज वारदात 15 से 30 जनवरी के बीच हुई. लेकिन ढाई महीने बीत जाने के बाद यह घटना सामने आई है, जिसमें रेलवे के ठेकेदार एवं अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत है.
आरोपियों से पूछताछ जारी : आरपीएफ ने रेल पटरी चुराने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसके कब्जे से एक ट्रक और कुछ सामान जब्त किया है. इनसे पुलिस पूछताछ कर रही है. आरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि शहपुरा के भीटोनी रेलवे स्टेशन से पेट्रोलियम कंपनी तक माल ढोने के लिए रेलवे की लाइन बिछाई गई. जहां रेल पटरी पुरानी होने के कारण पटरी को बदला गया था. नई रेल पटरी बिछाने के बाद पुरानी रेल पटरी रेलवे में जमा होनी थी. लेकिन इसके पहले ही चोरों ने करामात दिखाते हुए पुरानी रेल पटरियों को चोरी कर लिया.
चोरी का सामान जब्त : बीते दिनों जब यह मामला उजागर हुआ तो आनन-फानन में आरपीएफ द्वारा इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई और जांच शुरू की गई. जांच के दौरान आरपीएफ ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जहां उनके कब्जे से 407 वाहन एवं चोरी का कुछ सामान को जब्त किया है. इसी वाहन के जरिए पटरियों को ठिकाने लगाया गया है. इस मामले में रेलवे के सीपीआरओ का कहना है कि अभी तक कोई भी स्पष्ट जानकारी उनके पास नहीं है. आरपीएफ द्वारा इसकी जांच की जा रही है.
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2 टन वजनी माल चोरी : वहीं, आरपीएफ थाना प्रभारी इरफान मंसूरी का कहना है कि चोरी हुआ माल लगभग 2 टन वजन का है. चूंकि चोरी की वारदात को बहुत दिन बीत चुके हैं. इसलिए इस मामले में विस्तृत जांच करने में वक्त लग रहा है. क्योंकि इस पूरे मामले में रेल के कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है. पकड़े गए आरोपी से पूछताछ की जा रही है. बड़ी बात यह है कि चोरी होने के ढाई माह बाद भी रेलवे के अधिकारी और इंजीनियरों ने अभी तक पुलिस को चोरी गए सामान का ब्यौरा नहीं सौंपा है.