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आखिर कौन है जिम्मेदार ? प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकानों में चल रहे उद्योग

मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटित हुए मकानों को नगर निगम के अधिकारियों की मिली भगत से व्यापार के लिए उपयोग में लाया जा रहा है.

Industries running in houses built under Pradhan Mantri Awas Yojana
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकानों में चल रहे उद्योग
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Published : Aug 8, 2020, 12:33 AM IST

जबलपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटित हुए मकानों को नगर निगम के अधिकारियों की मिली भगत से व्यापार के लिए उपयोग में लाया जा रहा है. आज लोगों के पास रहने को एक छोटा सा घर भी नहीं है, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो कि प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों को अवैध रूप से खरीद कर एक दो नहीं बल्कि कई मकानों पर कब्जा किए बैठे हुए हैं, और फिर बाद में इन्हीं मकानों को कमर्शियल के रूप में उपयोग भी कर रहे हैं.

जबलपुर में राइटटाउन में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाए गए थे, इन मकानों को बनाने का उद्देश्य था कि हर व्यक्ति के पास उनका खुद का मकान हो, लेकिन निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से जबलपुर के एक व्यक्ति ने अपने भाई, पिता,पत्नी के नाम से चार-चार मकान आवंटित करा लिया है. खास बात यह है कि नगर निगम ने बिना जांच पड़ताल किए इस व्यक्ति को मकान भी अलॉट कर दिए. अब यह व्यक्ति सरकारी मकान पर अपनी दुकान खोल कर व्यापार चला रहा है.

एमएलबी स्कूल स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना में जहां पर लोगों को रहना चाहिए वहां पर मशीन लगाई गई है, इतना ही नहीं इस मशीन को चौबीसों घंटे चलाया जाता है, यह मशीन प्रधानमंत्री आवास योजना के 2 ब्लॉकों को तोड़कर शिफ्ट की गई है. खास बात यह है कि नगर निगम के अधिकारियों को इस अवैध दुकान के विषय में जानकारी भी है, पर इस पर कोई कार्रवाई करने की निगम अधिकारियों ने जहमत ही नहीं उठाई है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान को आखिर कैसे व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है, इस पर जब शिकायत अपर आयुक्त रोहित कौशल तक पहुंची तो उन्होंने भी आश्चर्य व्यक्त किया. निगम अपर आयुक्त रोहित कौशल का कहना है कि सरकारी आवास में किसी भी प्रकार के व्यवसाय के काम में नहीं लिए जा सकते हैं और अगर फिर भी ऐसा किया जा रह हैं तो पूरी तरह से गैर कानूनी है जिस पर कार्रवाई की जाएगी.

जबलपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटित हुए मकानों को नगर निगम के अधिकारियों की मिली भगत से व्यापार के लिए उपयोग में लाया जा रहा है. आज लोगों के पास रहने को एक छोटा सा घर भी नहीं है, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो कि प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों को अवैध रूप से खरीद कर एक दो नहीं बल्कि कई मकानों पर कब्जा किए बैठे हुए हैं, और फिर बाद में इन्हीं मकानों को कमर्शियल के रूप में उपयोग भी कर रहे हैं.

जबलपुर में राइटटाउन में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाए गए थे, इन मकानों को बनाने का उद्देश्य था कि हर व्यक्ति के पास उनका खुद का मकान हो, लेकिन निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से जबलपुर के एक व्यक्ति ने अपने भाई, पिता,पत्नी के नाम से चार-चार मकान आवंटित करा लिया है. खास बात यह है कि नगर निगम ने बिना जांच पड़ताल किए इस व्यक्ति को मकान भी अलॉट कर दिए. अब यह व्यक्ति सरकारी मकान पर अपनी दुकान खोल कर व्यापार चला रहा है.

एमएलबी स्कूल स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना में जहां पर लोगों को रहना चाहिए वहां पर मशीन लगाई गई है, इतना ही नहीं इस मशीन को चौबीसों घंटे चलाया जाता है, यह मशीन प्रधानमंत्री आवास योजना के 2 ब्लॉकों को तोड़कर शिफ्ट की गई है. खास बात यह है कि नगर निगम के अधिकारियों को इस अवैध दुकान के विषय में जानकारी भी है, पर इस पर कोई कार्रवाई करने की निगम अधिकारियों ने जहमत ही नहीं उठाई है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान को आखिर कैसे व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है, इस पर जब शिकायत अपर आयुक्त रोहित कौशल तक पहुंची तो उन्होंने भी आश्चर्य व्यक्त किया. निगम अपर आयुक्त रोहित कौशल का कहना है कि सरकारी आवास में किसी भी प्रकार के व्यवसाय के काम में नहीं लिए जा सकते हैं और अगर फिर भी ऐसा किया जा रह हैं तो पूरी तरह से गैर कानूनी है जिस पर कार्रवाई की जाएगी.

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