जबलपुर। जबलपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के फर्जी दस्तावेज पेश करने वाले आरोपी अब्दुल महमूद रंगरेज की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. आरोपी पर धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. आरोपी जेल में था और उसने जमानत के लिए याचिका लगाई थी.
याचिकाकर्ता की तरफ से दलील दी गई जो फर्जी दस्तावेज उसने पेश किए थे, वो किसी अन्य व्यक्ति ने उसे दिए थे. हालांकि दूसरे पक्ष ने इसके एवज ये दलील दी कि दस्तावेज आरोपी के पास बरामद हुए हैं. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने आरोपी जमानत याचिका खारिज कर दी. सरकार की तरफ से अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने पैरवी की.
क्या है पूरा मामला ?
22 फरवरी 2020 को आरोपी अब्दुल महमूद रंगरेज खुद को जबलपुर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बताते हुए मध्य प्रदेश शासन का फर्जी नियुक्ति पत्र अधिकारियों सौंपा था. शक होने के बाद उसके खिलाफ प्राधिकरण के अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई.
कैसे हुआ था खुलासा ?
सराफा रोड फूटा ताल का रहने वाला अब्दुल महमूद रंगरेज फर्जी नियुक्ति आदेश पत्र जबलपुर विकास प्राधिकरण में दिखा कर अधिकारियों पर दबाव बनाया था. शक होने पर प्राधिकरण के अधिकारियों ने राज्य सरकार को पत्र लिख कर आरोपी के बारे में जानकारी मांगी थी. इसके बाद 29 जून को सरकार ने जवाब देते हुए उसकी नियुक्ति को फर्जी बताया था, जिसके बाद उसके खिलाफ ओमती थाने में शिकायत की गई थी.