जबलपुर। कोरोना काल में प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों को शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिलने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. एक याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार ने विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा है. हाईकोर्ट ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगली सुनवाई में विस्तृत रिपोर्ट पेश नहीं की गई, तो जिम्मेदार अधिकारियों को तलब किया जाएगा.
प्रवासी मजदूरों को लेकर याचिका
बंधुआ मुक्ति मोर्चा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है, कि कोरोना के कारण दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर यहां लौट रहे हैं. खाद्य पदार्थ और आर्थिक मदद करने के लिए चल रही शासकीय योजनाओं का इन मजदूरों को लाभ नहीं मिल रहा है. जिससे इन प्रवासी मजदूरों की स्थिति बहुत दयनीय है.
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया, कि प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों की रजिस्टर्ड संख्या लगभग 7 लाख 40 हजार है. जिनमें से लगभग 45 हजार प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है. इससे पहले हाईकोर्ट युगलपीठ ने सरकार को प्रवासी मजदूरों की सुविधाओं से जुड़ी योजनाएं बढ़ाने के निर्देश दिए थे.
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हाईकोर्ट ने दी सरकार को चेतावनी
पहले हुई सुनवाई में सरकार की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर कोर्ट ने असंतुष्टि जाहिर की थी. साथ ही विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा गया. युगलपीठ ने चेतावनी के साथ सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश अगली सुनवाई में पेश करने को कहा.