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गोमांस की तस्करी करने वालों के साथ मारपीट का मामला, हाईकोर्ट ने सरकार पर लगाया जुर्माना - Justice Atul Sreedharan

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सिवनी में गो मांस तस्करी करने वालों के साथ मारपीट करने के मामले में सरकार पर एक लाख की कॉस्ट लगाई है.

High court MP imposed a cost of one lakh on the government
हाईकोर्ट ने लगाई सरकार पर एक लाख की कॉस्ट
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Published : Feb 12, 2020, 9:42 PM IST

Updated : Feb 12, 2020, 10:33 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सिवनी में गो मांस तस्करी करने वालों के साथ मारपीट करने के मामले में सरकार पर एक लाख का जुर्माना लगाया है. जस्टिस संजय यादव और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने इस मामले पर सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही एक लाख की कॉस्ट लगाते हुए कलेक्टर को शपथपत्र के साथ जवाब पेश करने की निर्देश जारी किए है. युगलपीठ ने कॉस्ट की राशि सात दिनों के भीतर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करने के भी निर्देश दिए है.

हाईकोर्ट ने लगाई सरकार पर एक लाख की कॉस्ट

सिवनी जिले के डूंडासिवनी के शुभम बघेल की दायर याचिका में कहा गया था कि सिवनी कलेक्टर के 3 जुलाई 2019 के आदेश पर एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया था. इससे पहले 22 मई 2019 को कथित तौर पर ऑटो रिक्शा और दोपहिया वाहन में गोमांस ले जाने के शक में तीन युवकों और एक महिला की बेरहमी से पिटाई करने का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था. आरोपियों की जमानत होने के बाद सिवनी कलेक्टर ने उस पर एनएसए लगाते हुए तीन माह के लिए हिरासत में रखने को कहा था. इसी आदेश की वैधानिकता को चुनौती देकर ये याचिका दायर की गई थी.

मामले की सुनवाई के दौरान आवेदक की ओर से कहा गया कि पूर्व में हाईकोर्ट ने एक मामले पर व्यवस्था दी है कि एनएसए के मामले में जवाब के साथ सिर्फ जिला कलेक्टर का शपथपत्र आना चाहिए. इसके बावजूद इस मामले में कलेक्टर के बजाए सिवनी के एसडीओपी और मामले के ओआईसी संजीव पाठक ने जवाब के साथ अपना शपथपत्र दिया है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि अवसर प्रदान करने के बावजूद भी कलेक्टर ने जवाब पेश नहीं किया. युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए एक लाख रुपए की कॉस्ट लगाई.

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सिवनी में गो मांस तस्करी करने वालों के साथ मारपीट करने के मामले में सरकार पर एक लाख का जुर्माना लगाया है. जस्टिस संजय यादव और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने इस मामले पर सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही एक लाख की कॉस्ट लगाते हुए कलेक्टर को शपथपत्र के साथ जवाब पेश करने की निर्देश जारी किए है. युगलपीठ ने कॉस्ट की राशि सात दिनों के भीतर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करने के भी निर्देश दिए है.

हाईकोर्ट ने लगाई सरकार पर एक लाख की कॉस्ट

सिवनी जिले के डूंडासिवनी के शुभम बघेल की दायर याचिका में कहा गया था कि सिवनी कलेक्टर के 3 जुलाई 2019 के आदेश पर एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया था. इससे पहले 22 मई 2019 को कथित तौर पर ऑटो रिक्शा और दोपहिया वाहन में गोमांस ले जाने के शक में तीन युवकों और एक महिला की बेरहमी से पिटाई करने का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था. आरोपियों की जमानत होने के बाद सिवनी कलेक्टर ने उस पर एनएसए लगाते हुए तीन माह के लिए हिरासत में रखने को कहा था. इसी आदेश की वैधानिकता को चुनौती देकर ये याचिका दायर की गई थी.

मामले की सुनवाई के दौरान आवेदक की ओर से कहा गया कि पूर्व में हाईकोर्ट ने एक मामले पर व्यवस्था दी है कि एनएसए के मामले में जवाब के साथ सिर्फ जिला कलेक्टर का शपथपत्र आना चाहिए. इसके बावजूद इस मामले में कलेक्टर के बजाए सिवनी के एसडीओपी और मामले के ओआईसी संजीव पाठक ने जवाब के साथ अपना शपथपत्र दिया है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि अवसर प्रदान करने के बावजूद भी कलेक्टर ने जवाब पेश नहीं किया. युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए एक लाख रुपए की कॉस्ट लगाई.

Last Updated : Feb 12, 2020, 10:33 PM IST
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