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जबलपुर में है फायर फाइटर्स की भारी कमी, 21 लाख की आबादी पर है मात्र 75 फायर फाइटर - जबलपुर

बलपुर एक बड़ा शहर है, 21 लाख की आवादी वाले इस शहर में अग्निशमन व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है, न सिर्फ संसाधनों की भारी कमी है, बल्की शहर में फायर फाइटर्स की भी पर्याप्त संख्या नहीं है.

जबलपुर में है फायर फाइटर्स की भारी कमी
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Published : May 9, 2019, 8:34 PM IST

जबलपुर| प्रदेश के महानगरों में जबलपुर एक बड़ा शहर है, 21 लाख की आवादी वाले इस शहर में अग्निशमन व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है, न सिर्फ संसाधनों की भारी कमी है, बल्की शहर में फायर फाइटर्स की भी पर्याप्त संख्या नहीं है.

जबलपुर के दमकल विभाग में 48 फायर फाइटर हैं. 28 ठेके पर लिए फायर मैन हैं. कुल मिलाकर 76 कर्मचारी हैं, जो तीन शिफ्ट में काम करते हैं. एक समय में मात्र 25 कर्मचारी ही जबलपुर की अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तैनात होते हैं. जबलपुर नगर निगम के पास छोटे बड़े 13 फायर फाइटिंग व्हीकल हैं. शहर में दो फायर स्टेशन हैं. जबलपुर की सबसे असुरक्षित जगहों में शहर के घने इलाके हैं. क्योंकि आधे से ज्यादा शहर पतली-पतली गलियों में बसा हुआ है.

जबलपुर में है फायर फाइटर्स की भारी कमी

यहां कोई अग्नि दुर्घटना घटती है तो बड़े फायर फाइटिंग व्हीकल यहां नहीं पहुंच पाते. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए केवल दो छोटे वाहन हैं, इसके साथ ही दूसरा सबसे असुरक्षित क्षेत्र शहर में बनने वाली हाईराइज बिल्डिंग है. इन हाई राइज बिल्डिंगों में लगभग 75 फीट तक की आग बुझाने के लिए जबलपुर नगर निगम के पास 2 अत्याधुनिक वाटर बॉउजर हैं. लेकिन यदि इससे ऊपर कोई आग लगती है तो उससे लड़ने के लिए नगर निगम के पास कोई सुविधा नहीं है और ना ही टीटीएल लेटर नाम की मशीन है. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस मशीन को खरीदने के लिए पत्र लिखे हैं लेकिन राज्य सरकार और नगर निगम इसमें रुचि नहीं दिखा रहा है.

बीते 3 सालों में जबलपुर नगर निगम में सिर्फ शहरी क्षेत्र में कई बड़ी अग्नि दुर्घटना घटी जिनमें लगभग 7 से 8 करोड़ रुपए का सामान जलकर खाक हो गया. 2017 में 11 बड़ी अग्नि दुर्घटना घटी जिनमें लगभग 2 करोड़ रुपए की संपत्ति जलकर खाक हो गई. वहीं 2018 में 13 बड़ी अग्नि दुर्घटना घटी जिनमें लगभग साढे चार करोड़ की संपत्ति जलकर खाक हो गई. जबलपुर नगर निगम लगभग सौ करोड रुपए का टैक्स जनता से वसूलता है. अग्नि दुर्घटनाओं से बचने के लिए केवल व्हीकल या फायरफाइटर्स ही जरूरी नहीं हैं बल्कि शहर का यातायात भी दमकल गाड़ियों के हिसाब से बनाया जाना चाहिए ताकि अग्निशमन दल मौके पर समय से पहुंच सके.

जबलपुर| प्रदेश के महानगरों में जबलपुर एक बड़ा शहर है, 21 लाख की आवादी वाले इस शहर में अग्निशमन व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है, न सिर्फ संसाधनों की भारी कमी है, बल्की शहर में फायर फाइटर्स की भी पर्याप्त संख्या नहीं है.

जबलपुर के दमकल विभाग में 48 फायर फाइटर हैं. 28 ठेके पर लिए फायर मैन हैं. कुल मिलाकर 76 कर्मचारी हैं, जो तीन शिफ्ट में काम करते हैं. एक समय में मात्र 25 कर्मचारी ही जबलपुर की अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तैनात होते हैं. जबलपुर नगर निगम के पास छोटे बड़े 13 फायर फाइटिंग व्हीकल हैं. शहर में दो फायर स्टेशन हैं. जबलपुर की सबसे असुरक्षित जगहों में शहर के घने इलाके हैं. क्योंकि आधे से ज्यादा शहर पतली-पतली गलियों में बसा हुआ है.

जबलपुर में है फायर फाइटर्स की भारी कमी

यहां कोई अग्नि दुर्घटना घटती है तो बड़े फायर फाइटिंग व्हीकल यहां नहीं पहुंच पाते. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए केवल दो छोटे वाहन हैं, इसके साथ ही दूसरा सबसे असुरक्षित क्षेत्र शहर में बनने वाली हाईराइज बिल्डिंग है. इन हाई राइज बिल्डिंगों में लगभग 75 फीट तक की आग बुझाने के लिए जबलपुर नगर निगम के पास 2 अत्याधुनिक वाटर बॉउजर हैं. लेकिन यदि इससे ऊपर कोई आग लगती है तो उससे लड़ने के लिए नगर निगम के पास कोई सुविधा नहीं है और ना ही टीटीएल लेटर नाम की मशीन है. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस मशीन को खरीदने के लिए पत्र लिखे हैं लेकिन राज्य सरकार और नगर निगम इसमें रुचि नहीं दिखा रहा है.

बीते 3 सालों में जबलपुर नगर निगम में सिर्फ शहरी क्षेत्र में कई बड़ी अग्नि दुर्घटना घटी जिनमें लगभग 7 से 8 करोड़ रुपए का सामान जलकर खाक हो गया. 2017 में 11 बड़ी अग्नि दुर्घटना घटी जिनमें लगभग 2 करोड़ रुपए की संपत्ति जलकर खाक हो गई. वहीं 2018 में 13 बड़ी अग्नि दुर्घटना घटी जिनमें लगभग साढे चार करोड़ की संपत्ति जलकर खाक हो गई. जबलपुर नगर निगम लगभग सौ करोड रुपए का टैक्स जनता से वसूलता है. अग्नि दुर्घटनाओं से बचने के लिए केवल व्हीकल या फायरफाइटर्स ही जरूरी नहीं हैं बल्कि शहर का यातायात भी दमकल गाड़ियों के हिसाब से बनाया जाना चाहिए ताकि अग्निशमन दल मौके पर समय से पहुंच सके.

Intro:जबलपुर में फायरफाइटर्स की भारी कमी हाईराइज बिल्डिंग असुरक्षित घनी बस्तियों के लिए नहीं है कोई इंतजाम


Body:जबलपुर यदि कहीं आगजनी की घटना घट जाती है तो सामान्य आदमी नगर निगम के दमकल विभाग को जानकारी देता है सभी को उम्मीद रहती है की आंग की कितनी भी बड़ी घटना क्यों ना घट जाए दमकल विभाग इस पर काबू पा हि लेगा

जबलपुर का भूगोल
लेकिन क्या आपको अंदाजा है कि आपके दमकल विभाग में कितने कर्मचारी काम करते हैं कितनी मशीनें हैं और कितनी मशीनें ऐसी हैं जो मौके पर काम पड़ जाएं चलिए जबलपुर के दमकल विभाग से हम आपको परिचित करवाते हैं इसके पहले हम आपको जबलपुर से जुड़ी कुछ जानकारियां दे दे जबलपुर की आबादी लगभग 22 लाख जबलपुर 5198 वर्ग किलोमीटर में फैला है 8 विधानसभा है जिला मुख्यालय सीहोरा लगभग 50 किलोमीटर दूर पड़ता है

फायर फाइटर की भारी कमी
जबलपुर के दमकल विभाग में 48 फायर फाइटर है 28 ठेके पर लिए फायर मैन है कुल मिलाकर 76 कर्मचारी हैं जो तीन शिफ्ट में काम करते हैं मतलब एक समय में मात्र 25 कर्मचारी ही जबलपुर की अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तैनात होते हैं जबलपुर नगर निगम के पास छोटे बड़े 13 फायर फाइटिंग व्हीकल है शहर में दो फायर स्टेशन है इसके अलावा कैंट बोर्ड के पास आयुध निर्माणी यों के पास बरेला नगर पंचायत सीहोरा नगर पंचायत शाहपुरा नगर पंचायत पनागर नगर पंचायत के पास भी अग्नि दुर्घटनाओं से बचने के लिए गाड़ियां हैं इसमें कुछ नहीं है और कुछ बहुत पुरानी है

घनी बस्तियों और हाईराइज बिल्डिंग असुरक्षित
जबलपुर की सबसे असुरक्षित जगहों में शहर के घने इलाके हैं क्योंकि आधे से ज्यादा शहर पतली पतली गलियों में बसा हुआ है और यदि यहां कोई अग्नि दुर्घटना घटती है तो बड़े फायर फाइटिंग व्हीकल यहां नहीं पहुंच पाते ऐसी स्थिति से निपटने के लिए केवल दो छोटे वाहन है इसके साथ ही दूसरा सबसे असुरक्षित क्षेत्र शहर में बनने वाली हाईराइज बिल्डिंग है इन हाई राइज बिल्डिंगों मैं लगभग 75 फीट तक की आग बुझाने के लिए जबलपुर नगर निगम के पास 2 अत्याधुनिक वाटर बॉउजर हैं लेकिन यदि इससे ऊपर कोई आग लगती है तो उससे लड़ने के लिए नगर निगम के पास कोई सुविधा नहीं है और ना ही टीटीएल लेटर नाम की मशीन है जो हाईराइज बिल्डिंग में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने में मदद करती है नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस मशीन को खरीदने के लिए पत्र लिखे हैं लेकिन राज्य सरकार और नगर निगम इसमें रुचि नहीं दिखा रहा है यह मशीन लगभग 8 करोड रुपए की आती है

7 से 8 करोड़ का सामान जलकर हुआ खाक
बीते 3 सालों में जबलपुर नगर निगम में सिर्फ शहरी क्षेत्र में कई बड़ी अग्नि दुर्घटना घटी जिनमें लगभग 7 से 8 करो रुपए का सामान जलकर खाक हो गया 2017 में 11 बड़ी अग्नि दुर्घटना घटी जिनमें लगभग 2 करोड रुपए की संपत्ति जलकर खाक हो गई वही 2018 में 13 बड़ी अग्नि दुर्घटना घटी जिनमें लगभग साढे चार करोड़ की संपत्ति जलकर खाक हो गई हालांकि इस साल अभी तक कोई बड़ी घटना आगजनी की सामने नहीं आई है




Conclusion:जबलपुर नगर निगम लगभग सौ करोड रुपए का टैक्स जनता से वसूल ता है अग्नि दुर्घटनाओं से बचने के लिए केवल व्हीकल या फायरफाइटर्स ही जरूरी नहीं है बल्कि शहर का यातायात भी दमकल गाड़ियों के हिसाब से बनाया जाना चाहिए ताकि अग्निशमन दल मौके पर समय से पहुंच सके
बाइट कुशाग्र सिंह अधीक्षक अग्निशमन दल नगर निगम जबलपुर
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