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तीसरी लहर की तैयारियों पर HC सख्त: ऑक्सीजन की उपलब्धता पर राज्य सरकार से मांगा जवाब

एमपी में कोरोना उपचार के रेटों को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अन्य राज्यों में कोरोना के उपचार की हो रही रेट लिस्ट पेश की. इस पर कोर्ट ने सरकार को कमेटी गठित करने का आदेश दिए हैं. वहीं अगली सुनवाई 10 अगस्त निर्धारित की गई है.

jabalpur high court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Jul 19, 2021, 10:48 PM IST

Updated : Jul 21, 2021, 10:18 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि हर जिले में ऑक्सीजन उपलब्धता की पूरी जानकारी दी जाए. इसके अलावा हाईकोर्ट ने सरकार से ICU बेड, वेंटिलेटर और सिटी स्कैन मशीन की उपलब्धता पर भी सरकार से जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट में कोर्ट मित्र द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट में बताया गया कि अन्य प्रदेशों की तुलना में मध्य प्रदेश में कोरोना उपचार के रेट 25 से 50 प्रतिशत तक अधिक है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने कोरोना उपचार के रेट निर्धारित करने के लिए प्रदेश सरकार को संयुक्त कमेटी बनाने के निर्देश दिये हैं. कमेटी में शासकीय प्रधिकारियों के अलावा महाधिवक्ता तथा कोर्ट मित्र सदस्य रहेंगे. याचिका पर अगली 10 अगस्त को निर्धारित की गयी है.

कोर्ट में पेश की कोरोना उपचार की रेट सूची
कोरोना संबंधित संज्ञान तथा अन्य याचिकाओं की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र ने पूर्व में पारित आदेश का परिपालन करने हुए प्रदेश के महानगरों तथा अन्य शहरों में निर्धारित कोरोना उपचार रेट की सूची पेश की गयी. उनकी तरफ से बताया गया कि जो रेट महानगर के मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल के हैं. वही रेट आदिवासी बाहुल्य तथा पिछड़े जिलों के छोटे अस्पताल भी वसूल रहें है.

अन्य राज्यों का दिया हवाला
इसके अलावा कोर्ट मित्र द्वारा राजस्थान, छत्तीसगढ़, केरल आदि राज्य में लागू कोरोना उपचार रेट की जानकारी भी प्रस्तुत की गयी. उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों में मध्य प्रदेश की तुलना में कोरेना उपचार के रेट 25 से 50 प्रतिशत तक कम हैं. सरकार की तरफ से वैक्सीनेशन के संबंध में बताया गया कि हमारा लक्ष्य प्रतिमाह डेढ़ करोड व्यक्ति का वैक्सीनेट करना है.

वैक्सीनेशन पर दिया जवाब

वैक्सीनेशन को लेकर भी सरकार ने कोर्ट में अपना जवाब पेश किया. जिसमें सरकार ने कोर्ट को बताया कि मई से लेकर 19 जुलाई तक प्रदेश को वैक्सीन के 1 करोड़ 51 लाख मिल चुके हैं. अब सरकार को अगस्त में भी वैक्सीन के 1 करोड़ डोज मिलने का अनुमान है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया है कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो ये सुनिश्चित किया जाए.

युगलपीठ ने दिए आदेश
याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि कोरोना उपचार के रेट निर्धारण के लिए प्रदेश सरकार एक संयुक्त कमेटी गठित करे, जिससे सरकारी प्राधिकारियों के अलावा महाधिवक्ता तथा कोर्ट मित्र को रखा जाये. युगलपीठ ने केन्द्र सरकार को निर्देशित किया कि वह वैक्सीन उपलब्ध करवाने में सहयोग प्रदान करें.

जबलपुर। मध्य प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि हर जिले में ऑक्सीजन उपलब्धता की पूरी जानकारी दी जाए. इसके अलावा हाईकोर्ट ने सरकार से ICU बेड, वेंटिलेटर और सिटी स्कैन मशीन की उपलब्धता पर भी सरकार से जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट में कोर्ट मित्र द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट में बताया गया कि अन्य प्रदेशों की तुलना में मध्य प्रदेश में कोरोना उपचार के रेट 25 से 50 प्रतिशत तक अधिक है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने कोरोना उपचार के रेट निर्धारित करने के लिए प्रदेश सरकार को संयुक्त कमेटी बनाने के निर्देश दिये हैं. कमेटी में शासकीय प्रधिकारियों के अलावा महाधिवक्ता तथा कोर्ट मित्र सदस्य रहेंगे. याचिका पर अगली 10 अगस्त को निर्धारित की गयी है.

कोर्ट में पेश की कोरोना उपचार की रेट सूची
कोरोना संबंधित संज्ञान तथा अन्य याचिकाओं की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र ने पूर्व में पारित आदेश का परिपालन करने हुए प्रदेश के महानगरों तथा अन्य शहरों में निर्धारित कोरोना उपचार रेट की सूची पेश की गयी. उनकी तरफ से बताया गया कि जो रेट महानगर के मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल के हैं. वही रेट आदिवासी बाहुल्य तथा पिछड़े जिलों के छोटे अस्पताल भी वसूल रहें है.

अन्य राज्यों का दिया हवाला
इसके अलावा कोर्ट मित्र द्वारा राजस्थान, छत्तीसगढ़, केरल आदि राज्य में लागू कोरोना उपचार रेट की जानकारी भी प्रस्तुत की गयी. उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों में मध्य प्रदेश की तुलना में कोरेना उपचार के रेट 25 से 50 प्रतिशत तक कम हैं. सरकार की तरफ से वैक्सीनेशन के संबंध में बताया गया कि हमारा लक्ष्य प्रतिमाह डेढ़ करोड व्यक्ति का वैक्सीनेट करना है.

वैक्सीनेशन पर दिया जवाब

वैक्सीनेशन को लेकर भी सरकार ने कोर्ट में अपना जवाब पेश किया. जिसमें सरकार ने कोर्ट को बताया कि मई से लेकर 19 जुलाई तक प्रदेश को वैक्सीन के 1 करोड़ 51 लाख मिल चुके हैं. अब सरकार को अगस्त में भी वैक्सीन के 1 करोड़ डोज मिलने का अनुमान है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया है कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो ये सुनिश्चित किया जाए.

युगलपीठ ने दिए आदेश
याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि कोरोना उपचार के रेट निर्धारण के लिए प्रदेश सरकार एक संयुक्त कमेटी गठित करे, जिससे सरकारी प्राधिकारियों के अलावा महाधिवक्ता तथा कोर्ट मित्र को रखा जाये. युगलपीठ ने केन्द्र सरकार को निर्देशित किया कि वह वैक्सीन उपलब्ध करवाने में सहयोग प्रदान करें.

Last Updated : Jul 21, 2021, 10:18 PM IST
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