जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (High Court) ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एमपी सरकार की तैयारियों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कोर्ट मित्र अधिवक्ता को निर्देशित किया है कि वो प्रदेश के बड़े शहरों में कोरोना उपचार की निर्धारित दर के संबंध में भी जानकारी पेश करें. इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट (High Court) में अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.
सरकार की तैयारियों पर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने कोरोना संक्रमण के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार की तैयारियों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र ने युगलपीठ को बताया कि एम्स के डायरेक्टर ने चेतवानी दी है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर 6 से 8 सप्ताह में आने वाली है. कोर्ट मित्र ने बताया कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को डेल्टा प्लस नाम दिया गया है.
कोर्ट मित्र ने दी जानकारी
कोर्ट मित्र ने युगलपीठ को जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के नए वेरिएंट से लड़ने के लिए प्रदेश के सभी जिला अस्पताल में न्यूनतम आवश्यक सुविधाएं होना चाहिए. कोर्ट मित्र ने बताया कि बड़े जिलों के अस्पताल में तो सुविधाएं है लेकिन छोटे जिलों के अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव है. यहां इलाज के लिए मरीजों को एक जिले से दूसरे जिले में भटकना पड़ता है.
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कोरोना उपचार की दर पर दी जानकारी
कोर्ट मित्र ने युगलपीठ को बताया कि सरकार द्वारा कोरोना उपचार की दर निर्धारित कर दी गयी है. सरकार द्वारा सभी श्रेणी के अस्तपालों के लिए एक सामान्य दर निर्धारित की गयी है. बडे शहरों के मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल की जो उपचार दर है वहीं दर पिछड़े और आदावासी बाहुल्य जिलों के निजी अस्पताल भी ले रहें है. पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने डिब्बा बंद रखे 204 वेंटिलेटर का उपयोग नहीं किए जाने और जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन के संबंध में जवाब मांगा था. सरकार द्वारा इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया.