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सरकार बेच रही सरकारी संपत्तियां, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब - High Court sought response from government

प्रदेश सरकार ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए सरकारी संपत्तियां बेचने का फैसला लिया है. इस फैसले के खिलाफ नागरिक उपभोक्ता मार्ग दर्शक मंच के मनीष शर्मा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार का पक्ष रखने के निर्देश दिए है.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाई कोर्ट
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Published : Jun 15, 2021, 8:49 PM IST

जबलपुर। प्रदेश सरकार द्वारा रेवेन्यू बढ़ाने के लिए सरकारी संपत्तियों को बेचे जाने का आरोप लगाते हुए मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मंगलवार को हुई में मामले की प्रारंभिक सुनवाई पर महाधिवक्ता को सरकार का पक्ष रखने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है.

  • सरकार ने शुरु की संपत्तियों को बेचने की प्रकिया

यह जनहित याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्ग दर्शक मंच के मनीष शर्मा की ओर से दायर किया गया है. जिसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश सरकार क्रय नियम में संशोधन कर सरकारी प्रापर्टी का विक्रय करने जा रही है. जिसके लिए जबलपुर, भोपाल और इंदौर सहित अन्य स्थानों में राज्य सड़क परिवहन निगम की संपत्तियों को बेचने की प्रकिया शुरु कर दी गई है. आवेदक का कहना है कि उक्त सरकारी संपत्ति बेचने की बजाएं उनका दूसरा उपयोग कर रेवेन्यू बढ़ाया जा सकता है. आवेदक की ओर से कहा गया अभी भी प्रदेश में ऐसे कई कार्यालय है, जो कि सरकार ने लाखों रुपए किराए पर लिए है.

HC ने ग्वालियर कलेक्टर पर लगाई 50 हजार की COST, जाने मामला

सरकारी संपत्ति पर खुद के सरकारी कार्यालयों का निर्माण किया जा सकता है. इतना ही नहीं उक्त संपत्ति को लीज पर दिया जा सकता, जिससे सरकार की शाख बची रहेगी और उस पर लोन भी लिया जा सकता है. याचिका में राहत चाही गई है कि सरकारी संपत्ति बेचने से सरकार को रोका जाए मामले में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग और पब्लिक प्रापर्टी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट को पक्षकार बनाया गया है. मामले की प्रारंभिक सुनवाई पर याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय के तर्क सुनने के बाद न्यायालय ने शासन को चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए है.

जबलपुर। प्रदेश सरकार द्वारा रेवेन्यू बढ़ाने के लिए सरकारी संपत्तियों को बेचे जाने का आरोप लगाते हुए मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मंगलवार को हुई में मामले की प्रारंभिक सुनवाई पर महाधिवक्ता को सरकार का पक्ष रखने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है.

  • सरकार ने शुरु की संपत्तियों को बेचने की प्रकिया

यह जनहित याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्ग दर्शक मंच के मनीष शर्मा की ओर से दायर किया गया है. जिसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश सरकार क्रय नियम में संशोधन कर सरकारी प्रापर्टी का विक्रय करने जा रही है. जिसके लिए जबलपुर, भोपाल और इंदौर सहित अन्य स्थानों में राज्य सड़क परिवहन निगम की संपत्तियों को बेचने की प्रकिया शुरु कर दी गई है. आवेदक का कहना है कि उक्त सरकारी संपत्ति बेचने की बजाएं उनका दूसरा उपयोग कर रेवेन्यू बढ़ाया जा सकता है. आवेदक की ओर से कहा गया अभी भी प्रदेश में ऐसे कई कार्यालय है, जो कि सरकार ने लाखों रुपए किराए पर लिए है.

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सरकारी संपत्ति पर खुद के सरकारी कार्यालयों का निर्माण किया जा सकता है. इतना ही नहीं उक्त संपत्ति को लीज पर दिया जा सकता, जिससे सरकार की शाख बची रहेगी और उस पर लोन भी लिया जा सकता है. याचिका में राहत चाही गई है कि सरकारी संपत्ति बेचने से सरकार को रोका जाए मामले में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग और पब्लिक प्रापर्टी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट को पक्षकार बनाया गया है. मामले की प्रारंभिक सुनवाई पर याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय के तर्क सुनने के बाद न्यायालय ने शासन को चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए है.

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