ETV Bharat / state

लॉकडाउन से फीकी पड़ी फूलों की खुशबू, फूल तो खिले लेकिन किसानों के चेहरे मुरझाए - जबलपुर में लॉकडाउन के कारण फूलों का व्यापार ठप्प

लॉकडाउन के चलते जहां बड़े-बड़े कारखाने बंद हैं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं सीजन के हिसाब से चलने वाला करोबार भी ठप हो गया है. ऐसा ही कुछ हो रहा है फूलों के व्यापार पर, जिनकी बिक्री बंद होने से फूल खेतों में ही झड़ रहे है, जिससे किसान और व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है.

Flower trade stalled due to lockdown in Jabalpur
लॉकडाउन के कारण फूलों का व्यापार ठप
author img

By

Published : Apr 8, 2020, 5:00 PM IST

Updated : Apr 8, 2020, 5:42 PM IST

जबलपुर। प्रदेश भर में कोरोना वायरस के खतरे के कारण मंदिर, मस्जिद के साथ ही सभी धार्मिक स्थल भी बंद कर दिए गये हैं. इससे फूलों के व्यापार को बड़ा झटका लगा है. फूलों के थोक व्यापारियों और किसानों को जहां बड़ा नुकसान हो रहा है, वहीं फूलों की माला बनाने वाले हजारों दिहाड़ी श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट छा गया है. लॉकडाउन के कारण दुकानों में रखा सामान तो बाद में भी बिक जाएंगा. लेकिन फूलों की खेती करने वालों के लिए एक-एक दिन नुकसान वाला साबित हो रहा है. ऐसा ही कुछ जबलपुर में है. जहां लगभग पांच सौ एकड़ जमीन पर गेंदा फूल की खेती होती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इन खेतों में लगे फूलों को खरीदने वाला नहीं मिल रहा है.

लॉकडाउन से फीकी पड़ी फूलों की खुशबू

फुलवाड़ी में मुरझा रहे हैं फूल

शहर से सटे बरगी विधानसभा के चरगवां रोड पर स्थित डगडगा हिनोता में फुलवाड़ी के नाम से प्रसिद्ध इलाका है, जहां गेंदा फूल की खेती होती है. यहां का हर किसान इन खेतों से लगभग हर हफ्ते एक हजार किलो गेंदा का फूल निकालता है. लेकिन पिछले पंद्रह दिन से तैयार फूल नहीं तोड़े जा रहे हैं. लॉकडाउन से न मंदिर के पट खुल रहे हैं और न ही फूलों की दुकानें सज रही हैं. ऐसे में फूलों की खेती करने वाले किसानों ने इसे तोड़ना ही बंद कर दिया है.

Flower trade stalled due to lockdown in Jabalpur
फुलवाड़ी में मुरझा रहे हैं फूल

दो वक्त की रोटी का आ गया संकट

फूल का बगान तैयार करने वाले राजेश पटेल बताते हैं कि फूलों को तोड़कर बर्बाद करने से अच्छा है कि उसे खेतों में ही छोड़ दें. धीरे-धीरे फूल झड़कर नीचे गिर जाएंगे. अगले 10 दिन तक पूरा फूल बगान ही बर्बाद हो जाएगा. राजेश ने बताया कि किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या अब रोजी-रोटी की हो गई है. फूलों की बिक्री से हर हफ्ते कमाई हो जाती थी, लेकिन अब खेतों से निकलने वाले फूलों की बिक्री नहीं होने से किसानों को परेशानी हो गई है.

Flower trade stalled due to lockdown in Jabalpur
किसानों के चेहरे मुरझाए
सरकार से उम्मीदफूल कारोबारियों के मुताबिक छोटे थोक व्यापारियों को भी इस नवरात्र के नौ-दस दिनों में डेढ़ से दो लाख रुपये की आय हो जाती थी, शादी विवाह का भी सीजन निकल गया. जैसे-तैसे जो फूलों के आर्डर मिले थे वह भी कैंसिल हो गए. इस बार यह व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया है. इन व्यापारियों को केवल नवरात्र के दौरान लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. फूल व्यापारियों का कहना है अब रोजी रोटी पर भी संकट के बादल छा गए हैं. घर-परिवार कैसे चलेगा दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ रहे हैं. ऐसे में अब सरकार से ही उम्मीद है. अगर कोई मदद मिल जाये तो हमारे परिवार का भरण पोषण हो सके.

जबलपुर। प्रदेश भर में कोरोना वायरस के खतरे के कारण मंदिर, मस्जिद के साथ ही सभी धार्मिक स्थल भी बंद कर दिए गये हैं. इससे फूलों के व्यापार को बड़ा झटका लगा है. फूलों के थोक व्यापारियों और किसानों को जहां बड़ा नुकसान हो रहा है, वहीं फूलों की माला बनाने वाले हजारों दिहाड़ी श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट छा गया है. लॉकडाउन के कारण दुकानों में रखा सामान तो बाद में भी बिक जाएंगा. लेकिन फूलों की खेती करने वालों के लिए एक-एक दिन नुकसान वाला साबित हो रहा है. ऐसा ही कुछ जबलपुर में है. जहां लगभग पांच सौ एकड़ जमीन पर गेंदा फूल की खेती होती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इन खेतों में लगे फूलों को खरीदने वाला नहीं मिल रहा है.

लॉकडाउन से फीकी पड़ी फूलों की खुशबू

फुलवाड़ी में मुरझा रहे हैं फूल

शहर से सटे बरगी विधानसभा के चरगवां रोड पर स्थित डगडगा हिनोता में फुलवाड़ी के नाम से प्रसिद्ध इलाका है, जहां गेंदा फूल की खेती होती है. यहां का हर किसान इन खेतों से लगभग हर हफ्ते एक हजार किलो गेंदा का फूल निकालता है. लेकिन पिछले पंद्रह दिन से तैयार फूल नहीं तोड़े जा रहे हैं. लॉकडाउन से न मंदिर के पट खुल रहे हैं और न ही फूलों की दुकानें सज रही हैं. ऐसे में फूलों की खेती करने वाले किसानों ने इसे तोड़ना ही बंद कर दिया है.

Flower trade stalled due to lockdown in Jabalpur
फुलवाड़ी में मुरझा रहे हैं फूल

दो वक्त की रोटी का आ गया संकट

फूल का बगान तैयार करने वाले राजेश पटेल बताते हैं कि फूलों को तोड़कर बर्बाद करने से अच्छा है कि उसे खेतों में ही छोड़ दें. धीरे-धीरे फूल झड़कर नीचे गिर जाएंगे. अगले 10 दिन तक पूरा फूल बगान ही बर्बाद हो जाएगा. राजेश ने बताया कि किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या अब रोजी-रोटी की हो गई है. फूलों की बिक्री से हर हफ्ते कमाई हो जाती थी, लेकिन अब खेतों से निकलने वाले फूलों की बिक्री नहीं होने से किसानों को परेशानी हो गई है.

Flower trade stalled due to lockdown in Jabalpur
किसानों के चेहरे मुरझाए
सरकार से उम्मीदफूल कारोबारियों के मुताबिक छोटे थोक व्यापारियों को भी इस नवरात्र के नौ-दस दिनों में डेढ़ से दो लाख रुपये की आय हो जाती थी, शादी विवाह का भी सीजन निकल गया. जैसे-तैसे जो फूलों के आर्डर मिले थे वह भी कैंसिल हो गए. इस बार यह व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया है. इन व्यापारियों को केवल नवरात्र के दौरान लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. फूल व्यापारियों का कहना है अब रोजी रोटी पर भी संकट के बादल छा गए हैं. घर-परिवार कैसे चलेगा दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ रहे हैं. ऐसे में अब सरकार से ही उम्मीद है. अगर कोई मदद मिल जाये तो हमारे परिवार का भरण पोषण हो सके.
Last Updated : Apr 8, 2020, 5:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.