जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के गोरखधंधे की जांच के दौरान लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. पुलिस टीम को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन की खरीदी देश के चर्चित व्यवसायिक प्लेटफॉर्म इंडिया मार्ट के जरिए की गई थी. जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इंडिया मार्ट ऐप के जरिए गुजरात के नकली रेमडेसिविर रैकेट से ही जबलपुर के सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा ने इंजेक्शन की खरीदी की थी.
200 मरीजों को लगाए गए नकली रेमडेसिविर
दरअसल, शुरुआती तौर पर करीब 200 मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जाने की जानकारी सामने आई है, जिसके आधार पर एसआईटी अपनी जांच लगातार आगे बढ़ा रही है. जबलपुर के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के मुताबिक, सूरत से बुक किए गए 500 इंजेक्शन जबलपुर पहुंचे थे. लिहाजा मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस अपनी जांच कर रही है. इस बीच पुलिस ने रेमडेसिविर के कई बॉयल भी जब्त किए हैं.
पुलिस की रडार पर अन्य आरोपी
सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा को जेल भेजने के बाद जांच की आंच उसके परिवार तक भी पहुंच गई है. पुलिस के रडार पर मोखा का बेटा तो है ही इसके अलावा इस नेटवर्क से जुड़े कई और नाम भी जल्द ही सामने आ सकते हैं.
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1200 नकली इंजेक्शन बुक किए गए
जबलपुर पुलिस के मुताबिक जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जाएगी वैसे ही नए आरोपियों को भी पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा, अब तक की जांच में यह बात भी सामने आई है कि इंडिया मार्ट ऐप के जरिए कुल 1200 नकली इंजेक्शन बुक किए गए थे, जिनमें से 700 इंजेक्शन इंदौर और 500 नकली इंजेक्शन जबलपुर पहुंचे थे.