जबलपुर। ईद के ठीक एक दिन पहले बाजारों में रौनके बनी होती थी, बड़ी तादात में लोग ईद की खरीदी करते थे, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते बाजार ठंडा पड़ा है. लोग ईद का बेसब्री से इंतजार करते हैं, लेकिन किसी को नहीं पता था कि इस बार यह ईद इतनी रुखी-सुखी आएगी. कोविड 19 के चलते शहर में ना बाजार लगा है और ना ही बाजारों में भीड़ है.
कोरोना से बचने के लिए इस लॉकडाउन में कोई बाहर ना निकल जाए, इसके लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है. जो कि लोगों को बाहर नहीं निकलने दे रही है. इसके साथ ही शहर में बाजार की रौनकों के बजाय हिदायतों के पोस्टर चिपके हुए हैं. जबलपुर में बाजारों से पूरी तरह रौनक गायब है, जहां कभी मीना बाजार भरते थे, वहां कोविड-19 के बोर्ड लगे हैं और हिदायतें लिखी हुई हैं कि अंदर आना-जाना मना है. पुलिस किसी को भी सड़कों पर निकलने की इजाजत नहीं दे रही है. मौलाना मुफ्ती आजम ने भी ऐलान किया है कि कोई ईदगाह में नहीं आएगा, लोग नमाज भी घर में ही अदा करेंगे.
लोगों का कहना है कि इस बार की ईद खुशियां नहीं लाई है, बल्कि कोरोना वायरस की वजह से लोगों में डर है और कोई त्यौहार नहीं मना रहा है. लोगों का कहना है कि वे खुदा से दुआ कर रहे हैं कि कोरोना वायरस का यह संकट खत्म हो जाए और जिंदगी पहले की ही तरह खुशनुमा बन जाए. शहर के ओम टी चौक का जायजा लिया जहां सैकड़ों दुकानें लगती थीं, वहां केवल एक ही सेवई की दुकान नजर आई और लोगों में भी ईद को लेकर कोई खासा उत्साह नहीं दिखा.