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जबलपुर जिला अस्पताल में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही, जिंदा लड़के को किया मृत घोषित

जबलपुर में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने जिंदा लड़के को मृत घोषित कर दिया और उसके परिजन को सौंप दिया.

निजी अस्पताल में भर्ती लड़का
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Published : Jul 25, 2019, 8:35 PM IST

जबलपुर। जिला अस्पताल जबलपुर के डॉक्टरों के कारनामों में आज एक और मामला उस समय जुड़ गया जब एक जीवित किशोर को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर परिजनों को सौंप दिया. रात भर परिजन लड़के को अस्पताल के बाहर रखे रहे और सुबह अचानक किशोर की सांसें चलने लगीं, जिसके बाद उसे निजी अस्पताल में भर्ती किया गया.

जबलपुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने जिंदा लड़के को मृत घोषित कर दिया

जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले तिलहरी निवासी 16 साल के किशोर और उसकी मां का पड़ोसियों से विवाद हो गया था, इस विवाद में किशोर को गंभीर चोटें आई जिसे परिजनों ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया. बीती रात जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने किशोर को मृत बताकर उसे उनके परिवार को सौंप दिया. किशोर की मां का कहना था कि बच्चे को अंदरूनी चोटें आईं थी, इस वजह से वह बेहोश था. जिसका इलाज जिला अस्पताल में किया गया पर कल रात अचानक डॉक्टर किशोर का चेकअप कर उसे मृत बताकर सौंप दिए.


इधर बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है कि शरीर पर चोटें जरूर हैं पर अभी वह खतरे से बाहर है, फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम में जहां डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं, कि आखिर कैसे पुलिस ने परिजनों के कहने पर किशोर को मृत घोषित कर जांच शुरू कर दी.

जबलपुर। जिला अस्पताल जबलपुर के डॉक्टरों के कारनामों में आज एक और मामला उस समय जुड़ गया जब एक जीवित किशोर को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर परिजनों को सौंप दिया. रात भर परिजन लड़के को अस्पताल के बाहर रखे रहे और सुबह अचानक किशोर की सांसें चलने लगीं, जिसके बाद उसे निजी अस्पताल में भर्ती किया गया.

जबलपुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने जिंदा लड़के को मृत घोषित कर दिया

जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले तिलहरी निवासी 16 साल के किशोर और उसकी मां का पड़ोसियों से विवाद हो गया था, इस विवाद में किशोर को गंभीर चोटें आई जिसे परिजनों ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया. बीती रात जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने किशोर को मृत बताकर उसे उनके परिवार को सौंप दिया. किशोर की मां का कहना था कि बच्चे को अंदरूनी चोटें आईं थी, इस वजह से वह बेहोश था. जिसका इलाज जिला अस्पताल में किया गया पर कल रात अचानक डॉक्टर किशोर का चेकअप कर उसे मृत बताकर सौंप दिए.


इधर बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है कि शरीर पर चोटें जरूर हैं पर अभी वह खतरे से बाहर है, फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम में जहां डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं, कि आखिर कैसे पुलिस ने परिजनों के कहने पर किशोर को मृत घोषित कर जांच शुरू कर दी.

Intro:जबलपुर
जिला अस्पताल जबलपुर के डॉक्टरों के कारनामों में आज एक और कारनामा उस समय जुड़ गया जब एक जीवित किशोर को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर परिजनों को सौंप दिया। रात भर किशोर को परिजन अस्पताल के बाहर रखे रहे और सुबह अचानक किशोर की सांसें चलने लगी जिसके बाद उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है।


Body:दर्शल दो दिन पहले तिलहरी निवासी 16 साल के किशोर और उसकी मां का पड़ोसियों से विवाद हो गया था।इस विवाद में किशोर को गंभीर चोटें आई जिसे परिजनों ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। कल रात भर जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने किशोर को मृत बताकर उसे उनके परिवार वालों को दे दिया। किशोर की मां का कहना था कि बच्चे को अंदरूनी चोटें आई थी इस वजह से वह बेहोश था। जिसका इलाज जिला अस्पताल में किया गया पर कल रात अचानक डॉक्टर किशोर का चेकअप कर उसे मृत बताकर सौंप दिए।


Conclusion:इधर बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है कि शरीर में जुटे जरूर है पर अभी वह खतरे से बाहर है फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम में जहां डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे पुलिस ने परिजनों के कहने पर किशोर को मृत घोषित कर जांच शुरू कर दी।
बाईट.1-सविता .....किशोर की माँ
बाईट.2-डॉ ऋषभ ......चिकित्सक
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