जबलपुर। 16 जून को भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा ने वेदिका सिंह ठाकुर को गोली मार दी थी. 26 जून को इलाज के दौरान वेदिका की मौत हो गई थी. वेदिका की मौत के बाद प्रियांश ने सरेंडर कर दिया और पुलिस ने इस पर हत्या के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया. इस मामले में नगर निगम ने प्रियांश के परिजनों को नोटिस जारी कर उनका मकान अवैध रूप से बना होने के चलते बुलडोजर चलाने की चेतावनी दी थी लेकिन आज तक यह कार्यवाही नहीं हुई. इस मामले में कांग्रेस लगातार बीजेपी पर प्रियांश को बचाने के आरोप लगाकर सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है. अब दिग्विजय सिंह ने भी कांग्रेस की मांग का समर्थन किया है.
छोटे अपराधियों पर कार्रवाई करती है शिवराज सरकार: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय जबलपुर में वेदिका सिंह ठाकुर के घर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि ''जब वेदिका को गोली लगी थी तब उसे तत्काल किसी बड़े अस्पताल दिल्ली या मुंबई में ले जाकर इलाज कराया जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी, लेकिन आरोपी भाजपा नेता उसे 6 घंटे तक लेकर घूमता रहा. एक तरफ भाजपा सरकार छोटे मोटे अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई करती है, लेकिन इस मामले में अभी तक प्रशासन का बुलडोजर आरोपी के घर पर नहीं चल पाया.''
यह है पूरा मामला: दरअसल 16 जून को करीब 1 बजे भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा ने अपनी दोस्त देविका ठाकुर को मिलने के लिए अपने धनवंतरी नगर के मंडफैया स्थित ऑफिस में बुलाया था. इसी बीच बातचीत के दौरान प्रियांश विश्वकर्मा की अवैध पिस्टल से निकली गोली वेदिका ठाकुर के सीने में जा लगी. गोली लगते ही प्रियांश ने देविका की मौसी पूजा को फोन कर बताया कि वेदिका की तबीयत खराब है और आप जल्द से जल्द ऑफिस आ जाइए. सूचना पर पहुंची पूजा ने देखा कि वेदिका मूर्छित हालत में नीचे पड़ी हुई थी. तभी प्रियांश उसे अपनी कार में डालकर भाजपा नेता डॉ. अमित खरे के स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल लेकर गया. पुलिस को बिना सूचना दिए वेदिका का 8 घंटे तक भाजपा नेता के अस्पताल में इलाज किया गया और ऑपरेशन थिएटर में किसी के भी आने जाने पर पाबंदी लगा दी थी.