ETV Bharat / state

MP High Court : एडीजे व सिविल जजों की उत्तर पुस्तिका सार्वजनिक करने संबंधी याचिका पर फैसला सुरक्षित - सिविल जजों की उत्तर पुस्तिका सार्वजनिक पर फैसला सुरक्षित

सिविल जज तथा एडीजे ( Civil Judge and ADJ) के अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं सार्वजनिक करने की मांग पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. याचिका में कहा गया था कि चयन प्रक्रिया की निष्पक्ष व पारदर्शिता के लिए उत्तर पुस्तिकाओं को सार्वजनिक किया जाना चाहिए. (Answer sheets of ADJs and civil judges) (Demand To make public answer sheets) (High Court Decision reserved)

High Court Decision reserved
सिविल जजों की उत्तर पुस्तिका सार्वजनिक पर फैसला सुरक्षित
author img

By

Published : Jul 27, 2022, 11:45 AM IST

जबलपुर। कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कहा कि जब न्यायाधीशों की संपत्ति की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत नागरिकों को प्राप्त करने का अधिकार है तो उत्तर पुस्तिकाएं क्यों नहीं. अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि उत्तर पुस्तिकाओं को सार्वजनिक किया जा सकता है. अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि उत्तर पुस्तिकाएं किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं हैं, जिसे आरटीआई के तहत देने से इनकार किया जाए.

हाईकोर्ट के नियम को असंवैधनिक बताया : हाईकोर्ट का नियम है कि उत्तर पुस्तिका सिर्फ संबंधित अभ्यर्थी को ही दी जाएगी. उक्त नियम को भी असंवैधनिक बताया गया. उक्त याचिका की विस्तृत सुनवाई करके न्यायालय ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक शाह ने पैरवी की. जस्टिस शील नागू व जस्टिस डीडी बसंल की युगलपीठ ने दोनों पक्षों के तर्क पूरे होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

Jabalpur High Court: नर्मदा के 300 मीटर के दायरे में अवैध निर्माण पर रिपोर्ट पेश, जानें हाईकोर्ट ने क्या कहा?

एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी की याचिका : उल्लेखनीय है कि एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस एनजीओ की ओर से ये याचिका दायर की गई है. सिविल जज परीक्षा में आरक्षित श्रेणी के बहुत से पदों पर सिलेक्शन नहीं किया गया है. इस कारण परीक्षा परिणाम के आधार पर चयन प्रक्रिया के निष्पक्ष होने पर आशंका है. याचिका में इंटरव्यू में 50 में से 20 अंक अनिवार्य होने की बाध्यता को भी मनमाना बताया गया है. (Answer sheets of ADJs and civil judges) (Demand To make public answer sheets) (High Court Decision reserved)

जबलपुर। कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कहा कि जब न्यायाधीशों की संपत्ति की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत नागरिकों को प्राप्त करने का अधिकार है तो उत्तर पुस्तिकाएं क्यों नहीं. अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि उत्तर पुस्तिकाओं को सार्वजनिक किया जा सकता है. अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि उत्तर पुस्तिकाएं किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं हैं, जिसे आरटीआई के तहत देने से इनकार किया जाए.

हाईकोर्ट के नियम को असंवैधनिक बताया : हाईकोर्ट का नियम है कि उत्तर पुस्तिका सिर्फ संबंधित अभ्यर्थी को ही दी जाएगी. उक्त नियम को भी असंवैधनिक बताया गया. उक्त याचिका की विस्तृत सुनवाई करके न्यायालय ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक शाह ने पैरवी की. जस्टिस शील नागू व जस्टिस डीडी बसंल की युगलपीठ ने दोनों पक्षों के तर्क पूरे होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

Jabalpur High Court: नर्मदा के 300 मीटर के दायरे में अवैध निर्माण पर रिपोर्ट पेश, जानें हाईकोर्ट ने क्या कहा?

एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी की याचिका : उल्लेखनीय है कि एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस एनजीओ की ओर से ये याचिका दायर की गई है. सिविल जज परीक्षा में आरक्षित श्रेणी के बहुत से पदों पर सिलेक्शन नहीं किया गया है. इस कारण परीक्षा परिणाम के आधार पर चयन प्रक्रिया के निष्पक्ष होने पर आशंका है. याचिका में इंटरव्यू में 50 में से 20 अंक अनिवार्य होने की बाध्यता को भी मनमाना बताया गया है. (Answer sheets of ADJs and civil judges) (Demand To make public answer sheets) (High Court Decision reserved)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.