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नवजातों की मौत में जबलपुर भी नहीं है पीछे, चौंकाते हैं ये आंकड़े

मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में छह दिन में हुई 12 बच्चों की मौत के बाद जबलपुर के लेडी एल्गिन अस्पताल में भी बच्चों की मौत के आंकड़े चौकाने वाले सामने आये है. यहां हर दूसरे दिन नवजात बच्चे की मौत हो रही है. देखिए ये खास रिपोर्ट...

Newborn deaths in Jabalpur hospital
जबलपुर अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत
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Published : Dec 4, 2020, 5:46 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 6:08 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश के विंध्य इलाके शहडोल में अचानक एक के बाद एक करीब 12 नवजात बच्चे मौत की नींद सो गए. इन बच्चों की मौत आखिर किस कारण से हुई है यह अभी भी जांच का विषय है. हालांकि बच्चों की मौत के बाद आनन-फानन में राज्य सरकार ने दो सदस्य डॉक्टरों की टीम शहडोल भेजी. डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी है. इधर, शहडोल में हुई नवजात बच्चों की मौत को बाद जब ईटीवी भारत ने जबलपुर संभाग के सबसे बड़े लेडी एल्गिन अस्पताल यानी रानी दुर्गावती में बच्चों की मौत का आंकड़ा खंगाला तो आंकड़े काफी चौंकाने वाले सामने आए है.

जबलपुर के जिला अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत

हर दूसरे दिन हो रही नवजात की मौत

जबलपुर लेडी एल्गिन अस्पताल में मिले आंकड़े बताते हैं कि इस अस्पताल में हर दूसरे दिन नवजात बच्चे की मौत हो रही है. हालांकि इन बच्चों की मौत की सबसे बड़ी वजह जो सामने आई है. वह है परिजनों का जच्चा और बच्चा के प्रति लापरवाही बरतना. डॉक्टर बताते हैं कि आमतौर पर बच्चे के मौत की वजह होती है कि परिजन डॉक्टरों की सलाह को नजरअंदाज करते है. लिहाजा ऐसे में जरा सी लापरवाही बच्चों की मौत का कारण बन जाती हैं.

So many children have died so far
अब तक इतने बच्चों की हो चुकी है मौत


हर दूसरे दिन जन्म के बाद नवजात की मौत

लेडी एल्गिन अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 30 महिलाओं की डिलीवरी होती है. वहीं अगर नवजात बच्चों की मौत की बात की जाएं तो इस अस्पताल में हर दूसरे दिन एक बच्चे की मौत हो रही है. हालांकि बच्चे की मौत की वजह डॉक्टर प्रीमेच्योर डिलीवरी बताते हैं.

data Figures
एक नजर आकंड़ों पर

ये भी पढ़ें : नवजातों की मौत को लेकर कांग्रेस ने गठित की जांच टीम, कमलनाथ को सौपेंगी रिपोर्ट


मां को डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए अमल
आमतौर पर वह गर्भवती महिला जो कि गर्भधारण करने के दौरान लापरवाह हो जाती हैं. उन्हों विशेष तौर पर डॉक्टरो के दिशा निर्देश का पालन करना चाहिए, जो गर्भवती महिलाएं डॉक्टर के निर्देशों का पालन नहीं करती उनके बच्चे का गर्भ में विकास ठीक से नहीं हो पाता है. इसके अलावा महिलाओं का सही समय पर डॉक्टर से चेकअप ना करवाना भी बच्चे की मौत का एक वजह बड़ा कारण होता है.

Newborn on ventilator
वेंटीलेटर पर नवजात

ये भी पढ़ें: Child Killer Hospital: 48 घंटे में फिर चार बच्चों की मौत, एक प्री मेच्योर भी शामिल


शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह

लेडी एल्गिन अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर नेहा जैन बताती हैं कि जिन भी नवजात बच्चों की मौत होती है. वह ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र की होती है. इसकी वजह एक तो अज्ञानता और दूसरी लापरवाही है. विशेषज्ञ बताते हैं कि आमतौर पर जो महिलाएं डॉक्टरों के निर्देश का पालन नहीं करती हैं. समय-समय पर चेकअप नहीं करवाती हैं तो उन महिलाओं को इस तरह की समस्या का सामना करना होता है. जिसके कारण जन्म के बाद नवजात पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है और उसकी मौत हो जाती है.

Rani Durgavati Hospital
रानी दुर्गावती अस्पताल

ये भी पढ़ें: शहडोल में 12 बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री का बयान, इलाज में नहीं हुई लापरवाही

जन्म के बाद RDS बीमारी भी हो सकती है मौत की वजह

लेडी एल्गिन अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक डॉक्टर संजय मिश्रा बताते हैं कि जन्म के बाद बच्चा रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (RDS ) बीमारी से ग्रसित हो जाता है. जिसके चलते उसके फेफड़े खुल नहीं पाते हैं और उसे सांस लेने में तकलीफ भी होती है. लिहाजा इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद कुछ ही दिनों में बच्चे की मौत हो जाती है.

Hospital
अस्पताल

बहरहाल जबलपुर के लेडी एल्गिल अस्पातल में हुई बच्चों की मौत के आंकड़ों ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए है. सवाल ये भी है कि आखिर स्वास्थ्य विभाग बच्चों की मौत पर कड़ी कार्रवाई कब करेगा. या फिर बच्चे ऐसे ही मौत के आगोश में सोते रहेंगे और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को ढिंढोरा पिटने वाली सरकार ऐसे ही मौतों पर जांच टीम गठित करती रहेगी.

जबलपुर। मध्यप्रदेश के विंध्य इलाके शहडोल में अचानक एक के बाद एक करीब 12 नवजात बच्चे मौत की नींद सो गए. इन बच्चों की मौत आखिर किस कारण से हुई है यह अभी भी जांच का विषय है. हालांकि बच्चों की मौत के बाद आनन-फानन में राज्य सरकार ने दो सदस्य डॉक्टरों की टीम शहडोल भेजी. डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी है. इधर, शहडोल में हुई नवजात बच्चों की मौत को बाद जब ईटीवी भारत ने जबलपुर संभाग के सबसे बड़े लेडी एल्गिन अस्पताल यानी रानी दुर्गावती में बच्चों की मौत का आंकड़ा खंगाला तो आंकड़े काफी चौंकाने वाले सामने आए है.

जबलपुर के जिला अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत

हर दूसरे दिन हो रही नवजात की मौत

जबलपुर लेडी एल्गिन अस्पताल में मिले आंकड़े बताते हैं कि इस अस्पताल में हर दूसरे दिन नवजात बच्चे की मौत हो रही है. हालांकि इन बच्चों की मौत की सबसे बड़ी वजह जो सामने आई है. वह है परिजनों का जच्चा और बच्चा के प्रति लापरवाही बरतना. डॉक्टर बताते हैं कि आमतौर पर बच्चे के मौत की वजह होती है कि परिजन डॉक्टरों की सलाह को नजरअंदाज करते है. लिहाजा ऐसे में जरा सी लापरवाही बच्चों की मौत का कारण बन जाती हैं.

So many children have died so far
अब तक इतने बच्चों की हो चुकी है मौत


हर दूसरे दिन जन्म के बाद नवजात की मौत

लेडी एल्गिन अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 30 महिलाओं की डिलीवरी होती है. वहीं अगर नवजात बच्चों की मौत की बात की जाएं तो इस अस्पताल में हर दूसरे दिन एक बच्चे की मौत हो रही है. हालांकि बच्चे की मौत की वजह डॉक्टर प्रीमेच्योर डिलीवरी बताते हैं.

data Figures
एक नजर आकंड़ों पर

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मां को डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए अमल
आमतौर पर वह गर्भवती महिला जो कि गर्भधारण करने के दौरान लापरवाह हो जाती हैं. उन्हों विशेष तौर पर डॉक्टरो के दिशा निर्देश का पालन करना चाहिए, जो गर्भवती महिलाएं डॉक्टर के निर्देशों का पालन नहीं करती उनके बच्चे का गर्भ में विकास ठीक से नहीं हो पाता है. इसके अलावा महिलाओं का सही समय पर डॉक्टर से चेकअप ना करवाना भी बच्चे की मौत का एक वजह बड़ा कारण होता है.

Newborn on ventilator
वेंटीलेटर पर नवजात

ये भी पढ़ें: Child Killer Hospital: 48 घंटे में फिर चार बच्चों की मौत, एक प्री मेच्योर भी शामिल


शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह

लेडी एल्गिन अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर नेहा जैन बताती हैं कि जिन भी नवजात बच्चों की मौत होती है. वह ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र की होती है. इसकी वजह एक तो अज्ञानता और दूसरी लापरवाही है. विशेषज्ञ बताते हैं कि आमतौर पर जो महिलाएं डॉक्टरों के निर्देश का पालन नहीं करती हैं. समय-समय पर चेकअप नहीं करवाती हैं तो उन महिलाओं को इस तरह की समस्या का सामना करना होता है. जिसके कारण जन्म के बाद नवजात पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है और उसकी मौत हो जाती है.

Rani Durgavati Hospital
रानी दुर्गावती अस्पताल

ये भी पढ़ें: शहडोल में 12 बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री का बयान, इलाज में नहीं हुई लापरवाही

जन्म के बाद RDS बीमारी भी हो सकती है मौत की वजह

लेडी एल्गिन अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक डॉक्टर संजय मिश्रा बताते हैं कि जन्म के बाद बच्चा रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (RDS ) बीमारी से ग्रसित हो जाता है. जिसके चलते उसके फेफड़े खुल नहीं पाते हैं और उसे सांस लेने में तकलीफ भी होती है. लिहाजा इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद कुछ ही दिनों में बच्चे की मौत हो जाती है.

Hospital
अस्पताल

बहरहाल जबलपुर के लेडी एल्गिल अस्पातल में हुई बच्चों की मौत के आंकड़ों ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए है. सवाल ये भी है कि आखिर स्वास्थ्य विभाग बच्चों की मौत पर कड़ी कार्रवाई कब करेगा. या फिर बच्चे ऐसे ही मौत के आगोश में सोते रहेंगे और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को ढिंढोरा पिटने वाली सरकार ऐसे ही मौतों पर जांच टीम गठित करती रहेगी.

Last Updated : Dec 4, 2020, 6:08 PM IST
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