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सरकार के जवाब से हाई कोर्ट भी हैरान, ऑक्सीजन की कमी से नहीं गई एक भी जान!

प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी कोरोना मरीज की मौत न होने के सरकारी दावे पर हाईकोर्ट ने हैरानी जताई है. हाई कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह मानना आसान नहीं है कि प्रदेश में एक भी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Aug 11, 2021, 11:40 AM IST

Updated : Aug 11, 2021, 11:53 AM IST

जबलपुर। प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी कोरोना मरीज की मौत न होने के सरकारी दावे पर हाईकोर्ट ने हैरानी जताई है. कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह मानना आसान नहीं है कि प्रदेश में एक भी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई. ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौतों पर मुआवजा देने की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है.

सरकार के जवाब से कोर्ट हैरान
दरअसल, कोर्ट अप्रैल माह के अपने एक आदेश में प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से 77 मरीजों की जिलेवार मौतें गिना चुका था, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने कोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए दावा किया था कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से किसी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है. ऐसे में जब ऑक्सीजन की कमी से मौतों पर मुआवजा देने का मुद्दा कोर्ट में उठा तो, हाईकोर्ट ने सरकारी दावे पर हैरानी जताई है. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से मामले पर जवाब मांगा है.

मौतों की निष्पक्ष एजेंसी या कमेटी से करवाने की मांग
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब वह ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत न होने का दावा कर चुकी है, तो ऐसी मौतों पर मुआवजे के आवेदनों पर क्या कदम उठाएगी, सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौतों की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी या कमेटी से करवाने की मांग भी उठाई गई.

DCGI ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड के मिक्स डोज पर अध्ययन को दी मंजूरी

तीन हफ्तों का समय दिया
फिलहाल, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मामले पर जवाब मांगा है ताकि इन मांगों पर आगे कोई फैसला ले सके, जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए तीन हफ्तों का समय दिया है मामले पर अगली सुनवाई 6 सितंबर को की जाएगी.

जबलपुर। प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी कोरोना मरीज की मौत न होने के सरकारी दावे पर हाईकोर्ट ने हैरानी जताई है. कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह मानना आसान नहीं है कि प्रदेश में एक भी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई. ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौतों पर मुआवजा देने की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है.

सरकार के जवाब से कोर्ट हैरान
दरअसल, कोर्ट अप्रैल माह के अपने एक आदेश में प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से 77 मरीजों की जिलेवार मौतें गिना चुका था, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने कोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए दावा किया था कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से किसी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है. ऐसे में जब ऑक्सीजन की कमी से मौतों पर मुआवजा देने का मुद्दा कोर्ट में उठा तो, हाईकोर्ट ने सरकारी दावे पर हैरानी जताई है. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से मामले पर जवाब मांगा है.

मौतों की निष्पक्ष एजेंसी या कमेटी से करवाने की मांग
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब वह ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत न होने का दावा कर चुकी है, तो ऐसी मौतों पर मुआवजे के आवेदनों पर क्या कदम उठाएगी, सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौतों की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी या कमेटी से करवाने की मांग भी उठाई गई.

DCGI ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड के मिक्स डोज पर अध्ययन को दी मंजूरी

तीन हफ्तों का समय दिया
फिलहाल, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मामले पर जवाब मांगा है ताकि इन मांगों पर आगे कोई फैसला ले सके, जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए तीन हफ्तों का समय दिया है मामले पर अगली सुनवाई 6 सितंबर को की जाएगी.

Last Updated : Aug 11, 2021, 11:53 AM IST
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