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जाली नोटों के साथ गिरफ्तार आरोपी की जमानत याचिका कोर्ट ने की खारिज - Naresh Aswani accused of fake notes

जाली नोट के आरोपी नरेश आसवानी को जबलपुर की एक कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया है. आरोपी नरेश आसवानी को हनुमानताल पुलिस ने जाली नोटों के साथ विगत 11 जून को गिरफ्तार किया था.

Naresh Aswani accused of fake notes
जमानत की अर्जी को अदालत ने किया खारिज
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Published : Jun 19, 2021, 5:01 AM IST

जबलपुर। ADJ विक्रम भार्गव की अदालत ने जाली नोट के आरोपी नरेश आसवानी को जमानत देने से इंकार कर दिया है. अदालत ने आरोपी की ओर से पेश की गई जमानत अर्जी खारिज कर दी है. अदालत को अभियोजन पक्ष (Prosecutors) की ओर से बताया गया कि गोहलपुर समता कालोनी के रहने वाले आरोपी नरेश आसवानी को हनुमानताल पुलिस ने जाली नोटों के साथ विगत 11 जून को गिरफ्तार किया था.

घर पर रहकर बना रहा था नकली नोट, चार लाख की रकम बरामद

आरोपी शादी विवाह में उपयोग होने वाले नोट बना रहा था

इसके बाद पुलिस ने उसके घर से जाली नोटों की गड्डियां और प्रिंटर सहित दूसरे सामग्री बरामद की थी. वहीं आरोपी की ओर से कहा गया कि उनका क्लाइंट बच्चों के खेलने वाले और शादी विवाह में उपयोग होने वाले नोट बना रहा था, जिसे जाली नोट बताकर पुलिस ने आरोपी बना लिया. सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी की ओर से दी गई तमाम दलीलों को नकारते हुए उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी. मामले में शासन की ओर से AJP अनिल तिवारी ने पक्ष रखा.

जबलपुर। ADJ विक्रम भार्गव की अदालत ने जाली नोट के आरोपी नरेश आसवानी को जमानत देने से इंकार कर दिया है. अदालत ने आरोपी की ओर से पेश की गई जमानत अर्जी खारिज कर दी है. अदालत को अभियोजन पक्ष (Prosecutors) की ओर से बताया गया कि गोहलपुर समता कालोनी के रहने वाले आरोपी नरेश आसवानी को हनुमानताल पुलिस ने जाली नोटों के साथ विगत 11 जून को गिरफ्तार किया था.

घर पर रहकर बना रहा था नकली नोट, चार लाख की रकम बरामद

आरोपी शादी विवाह में उपयोग होने वाले नोट बना रहा था

इसके बाद पुलिस ने उसके घर से जाली नोटों की गड्डियां और प्रिंटर सहित दूसरे सामग्री बरामद की थी. वहीं आरोपी की ओर से कहा गया कि उनका क्लाइंट बच्चों के खेलने वाले और शादी विवाह में उपयोग होने वाले नोट बना रहा था, जिसे जाली नोट बताकर पुलिस ने आरोपी बना लिया. सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी की ओर से दी गई तमाम दलीलों को नकारते हुए उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी. मामले में शासन की ओर से AJP अनिल तिवारी ने पक्ष रखा.

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