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MP High Court: बिजली बिल के नए फार्मूले पर विवाद, हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब

मध्य प्रदेश सरकार अब हर महीने बिजली बिल में महंगाई का झटका देगी. पिछले महीने सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर कानून में परिवर्तन किया. जबलपुर की नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच नाम की संस्था ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सरकार के बिजली बिल वसूलने के नए फार्मूले को चुनौती दी है.

MP High Court
बिजली बिल वसूलने के नए फार्मूले पर विवाद, हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब
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Published : Apr 19, 2023, 5:00 PM IST

जबलपुर। अभी तक साल में एक बार बिजली की यूनिट की दर तय हो जाती है. इसी के आधार पर आम उपभोक्ता को बिजली का बिल देना होता है. इसलिए आम आदमी का बिजली बिल का बजट लगभग तय रहता था और महंगाई की मार का एहसास साल में एक बार ही होता था जब बिजली के दाम बढ़ाए जाते थे. लेकिन 17 मार्च 2023 को पावर मैनेजमेंट कंपनी ने एक नोटिफिकेशन पब्लिश किया, जिसमें कहा गया कि फ्यूल कॉस्ट एडजेस्टमेंट का सरचार्ज अब हर महीने परिवर्तित किया जाएगा, जो पहले साल में एक बार ही बदला जाता था और इसे बदलने की प्रक्रिया बड़ी लोकतांत्रिक थी.

बिजली कंपनी बदलाव चाहती है : फ्यूल कॉस्ट एडजेस्टमेंट का सरचार्ज बढ़ाने के लिए जनसुनवाई होती थी. विद्युत नियामक आयोग लोगों की आपत्तियां सुनता था और उसके बाद ही बिजली के दाम को बढ़ाने की अनुमति देता था. लेकिन पावर मैनेजमेंट कंपनी अब जो परिवर्तन करवाना चाहती है, उससे विद्युत नियामक आयोग की प्रासंगिकता खत्म हो जाएगी और पावर मैनेजमेंट कंपनी हर महीने बिजली के दाम बढ़ा सकेगी. जबलपुर की नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने सरकार के बिजली बिल वसूलने के नए फार्मूले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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नए फार्मूले का विरोध : नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के एडवोकेट दिनेश उपाध्याय ने विद्युत अधिनियम 2003 का हवाला देते हुए नए फार्मूले को गैर कानूनी बताया है. हाईकोर्ट ने नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की याचिका के आधार पर मध्य प्रदेश सरकार के विद्युत विभाग के प्रमुख सचिव और विद्युत नियामक आयोग से जवाब मांगा है. अब देखते हैं कि इस मामले में बिजली के रेट को लेकर क्या नई स्थित बनती है.

जबलपुर। अभी तक साल में एक बार बिजली की यूनिट की दर तय हो जाती है. इसी के आधार पर आम उपभोक्ता को बिजली का बिल देना होता है. इसलिए आम आदमी का बिजली बिल का बजट लगभग तय रहता था और महंगाई की मार का एहसास साल में एक बार ही होता था जब बिजली के दाम बढ़ाए जाते थे. लेकिन 17 मार्च 2023 को पावर मैनेजमेंट कंपनी ने एक नोटिफिकेशन पब्लिश किया, जिसमें कहा गया कि फ्यूल कॉस्ट एडजेस्टमेंट का सरचार्ज अब हर महीने परिवर्तित किया जाएगा, जो पहले साल में एक बार ही बदला जाता था और इसे बदलने की प्रक्रिया बड़ी लोकतांत्रिक थी.

बिजली कंपनी बदलाव चाहती है : फ्यूल कॉस्ट एडजेस्टमेंट का सरचार्ज बढ़ाने के लिए जनसुनवाई होती थी. विद्युत नियामक आयोग लोगों की आपत्तियां सुनता था और उसके बाद ही बिजली के दाम को बढ़ाने की अनुमति देता था. लेकिन पावर मैनेजमेंट कंपनी अब जो परिवर्तन करवाना चाहती है, उससे विद्युत नियामक आयोग की प्रासंगिकता खत्म हो जाएगी और पावर मैनेजमेंट कंपनी हर महीने बिजली के दाम बढ़ा सकेगी. जबलपुर की नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने सरकार के बिजली बिल वसूलने के नए फार्मूले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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