जबलपुर। जिले के राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में गरीबो के लिए बनी आयुष्मान योजना के तहत हुए फर्जीवाड़े में भोपाल में बैठे अधिकारियों की भी मिलीभगत थी. इस आशय की शिकायत प्रदेश के Chief Minister को मामले की जांच कर रही SIT और EOW ने भेजी है. इस शिकायत में तीन आला अधिकारियों के नामों का जिक्र किया गया है. शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि मामले को निपटाने के लिए अधिकारियों से बड़ी रकम का लेन-देन किया गया है. जिस पर एसआईटी द्वारा इस शिकायत को संज्ञान में लिया जा रहा है. (Complicity of bhopal officials in ayushman yojana forgery)
क्या था पूरा मामलाः पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर राइट टाउन स्थित होटल वेगा में छापा मारा था. जहां फर्स्ट फ्लोर को जनरल वार्ड बनाकर वहां मरीजों को भर्ती किया गया था. सेकेंड फ्लोर के हॉल में भी मरीज भर्ती थे. जबकि थर्ड फ्लोर पर बने कमरों में एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती किया गया था. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब इन मरीजों से inquiry की तो किसी ने सिरदर्द होने की जानकारी दी तो किसी ने मामूली बुखार होने की बात कही थी. उनके Ayushman Card अस्पताल प्रबंधन के पास थे. आयुष्मान योजना में Corruption की पुष्टि तब हुई जब मरीजों ने बताया कि उनसे एक रुपए भी नहीं लिए गए. सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा की शिकायत पर कलेक्टर के निर्देश पर होटल को सील किया गया और रात होते-होते पुलिस अधीक्षक द्वारा धारा 420 सहित विभिन्न धाराओं में सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर अश्विनी पाठक और होटल की जिम्मेदारी संभालने वाली उनकी पत्नी दुहिता पाठक को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद से डॉक्टर दंपत्ति जेल में बंद है. (Complaint letter sent to chief minister)
फर्जीवाड़े को निपटाने के लिए 3 लाख के लेन-देन का आरोपः इसी मामले से जुड़ी एक शिकायत भोपाल से एसआईटी व ईओडब्ल्यू को भेजी गई है. शिकायत में भोपाल में बैठे 3 अधिकारियों के नाम बताए गए हैं. जिसमें एक अधिकारी जबलपुर का रहने वाला है. वहीं इस फर्जीवाड़े को निपटाने के लिए 3 लाख का लेन-देन किए जाने का भी आरोप लगाया गया है. (Allegations of transaction 3 lakhs to settlement)