जबलपुर: भोपाल और इंदौर से जुड़े हनीट्रैप के मामले में इंदौर जेल में बंद एक महिला आरोपी ने हाईकोर्ट की शरण ली है. दायर की गई क्रिमनल रिविजन याचिका में कहा गया है कि उसके पिता की शिकायत पर सीआईडी भोपाल ने दो श्वेता जैन के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था. भोपाल जिला न्यायालय ने सुनवाई के दौरान एक श्वेता जैन को दोषमुक्त कर दिया है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस अखिल कुमार श्रीवास्तव की एकलपीठ ने न्यायालय द्वारा दोषमुक्त की गई अनावेदिका को नोटिस जारी करते हुए केस डायरी तलब की है. एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 31 मार्च को निर्धारित की है.
हनीट्रैप मामले में दायर की है याचिका
हनीट्रेप मामले में इंदौर जेल में बंद एक महिला आरोपी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है उसके पिता ने भोपाल सीआईडी में एफआईआर दर्ज करवाई थी. एफआईआर में कहा गया था कि मेरी बेटी से श्वेता स्वापनिल जैन और श्वेता विमल जैन अनौनिक देह व्यापार करवाती थी और वीडियो बनाकर रसूखदार लोगों को ब्लैकमेल करती थी. मेरे द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर पिता ने एफआईआर दर्ज करवाई थी.
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याचिका में और क्या कहा गया ?
याचिका में आगे कहा गया था कि हनीट्रैप में पहली शिकायत इंदौर में दर्ज हुई थी, जिसमें वह आरोपी है और इसके बाद दर्ज अन्य एफआईआर में भी उसे आरोपी बनाया गया है. हनीट्रैप मामले में वह इंदौर जेल में निरूध्द है. उसके और उसके पिता की गवाही के बिना ही भोपाल कोर्ट ने श्वेता स्वापनिल जैन को दोषमुक्त कर दिया है. न्यायालय ने एक आरोपी को दोषमुक्त किये जाने के संबंध में जल्द निर्णय लिया है. प्रकरण में मुख्य पीड़िता होने के कारण उसकी गवाही अहम है, याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने उक्त आदेष जारी किए. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता परवेज अहमद काजी ने पैरवी की.