जबलपुर। सेमरा गांव की सड़क पर बना पुल दूसरी बारिश में ही बह गया है. जिससे ग्रामीणों का शहर जाने में परेशानी हो रही है. जबलपुर में इस साल दूसरी बार बारिश हुई है और ये बारिश भी इतनी अधिक तेज नहीं थी कि जिसमें पुल या पुलिया बह जाए, लेकिन यदि निर्माण कार्य गुणवत्ता हीन होगा तो यह समस्या जरूर आएगी.
जबलपुर के चर्गवा से जंगल की ओर आदिवासी बाहुल्य दूरदराज गांवों में ठेकेदार करोड़ों रुपए के काम में भी लापरवाही बरतते हैं. इसका ताजा उदाहरण चर्गवा से सेमरा गांव के लिए बनी सड़क का पुल है, जो एक बरसाती नाले पर बना हुआ था, इसको बनाने में इंजीनियर ने गलत ड्राइंग दी और ठेकेदार ने कमजोर मटेरियल से इसे बना दिया.
नतीजा यह हुआ कि हल्की बारिश में ही पुल और सड़क सहित बह गया गांव के लोगों का कहना है इस बात की शिकायत उन्होंने विधायक से की है, ताकि वे अधिकारियों से कहकर इसकी दोबारा मरम्मत करवा सकें.
लोगों का कहना है कि पुल 1 महीने से टूटा पड़ा हुआ है और सबसे ज्यादा समस्या मरीजों को हो रही है. इस सड़क के अलावा गांव वालों के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है. मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में कुछ राशि सड़क के रखरखाव के लिए जमा की जाती है, यदि अधिकारी चाहें तो इस पैसे से सड़क का रखरखाव किया जा सकता है.