जबलपुर। जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने शराब के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव में बिकने जा रही देशी शराब की गाड़ी को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं, पुलिस इस मामले में खुद की वाहवाही कर रही है. जबकि ऐसे मामलों में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रहती है.
वाहन का पीछा कर पकड़ी शराब : जानकारी के मुताबिक सीजी 10 एफए 1601 बोलेरो वाहन में करीब 80 हजार की देशी शराब रखी थी. इसे बरगी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में बेचने ले जाया जा रहा था. युवा मोर्चा की कार्यकर्ताओं को जैसे ही इस बात की जानकारी लगी तो उन्होंने वाहन में ले जाई जा रही शराब को ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने से पहले ही रोक लिया. इससे शराब दुकान के कर्मचारी भागने लगे. काफ़ी दूर पीछा करने के बाद युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने शराब की गाड़ी को घुघरी के पास रोक लिया. इसके बाद इसकी सूचना युवा मोर्चा के लोगों ने पुलिस को दी और फिर कार्रवाई आगे बढ़ी.
पुलिस भी सवाल उठ रहे हैं : इस कार्रवाई के बाद अब जबलपुर पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. युवा मोर्चा ग्रामीण के जिला मंत्री सोनू सिंह पटेल का आरोप है कि ग्रामीण आदिवासी क्षेत्र में पैकारी कर पुलिस और ठेकेदार की मिलीभगत से गांव-गांव शराब को पहुँचाया जा रहा है. वहीं पूरे मामले में पुलिस वाहवाही लूटती नजर आ रही है. मीडिया के सवालों पर बरगी सीएसपी प्रियंका शुक्ला का कहना है कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी. इसके बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा शराब पकड़ी गई है तो वे धन्यवाद के पात्र हैं. (BJP Yuva Morcha campaign) (campaign against illegal liquor)